बंगाल-ओडिशा के कई इलाकों में बारिश

नई दिल्ली। चक्रवात यास बुधवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के समुद्र तट से टकराएगा। इससे पहले कई इलाकों में मंगलवार से ही बारिश शुरू हो गई है। ओडिशा के भुवनेश्वर, चांदीपुर और बंगाल के दिघा में बारिश हो रही है। वहीं तूफान को लेकर बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों में भी अलर्ट जारी किया गया है।

भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डा. मृत्युंजय महापात्र की मंगलवार को दी गई जानकारी के अनुसार अब चक्रवात बुधवार सुबह ओडिशा के बालेश्वर व भद्रक जिले के बीच स्थित धामरा के निकट तट से टकराएगा। पहले इसे बालासोर में तट से टकराना था। नौसेना ने भी चक्रवात से निपटने की तैयारी कर ली है। बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में यास को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।

समुद्र में दो से चार मीटर की ऊंची लहरें भी उठ सकती हैं। मछुआरों को समुद्र में जाने से मना किया गया है। तेज हवाओं की आशंका के कारण बंगाल में ट्रेन, विमान व जलपोत को जंजीरों से बांधा गया है। प्रभावित क्षेत्र से आने-जाने वाली ट्रेन रद कर दी गई हैं और आक्सीजन प्लांट की सुरक्षा पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।

 

यास तूफान पारादीप और सागर आइलैंड के बीच बुधवार को टकराने के आसार हैं। इसके असर से 165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और 2 मीटर से 4.5 मीटर तक लहरें उठ सकती हैं। मौसम विभाग का कहना है कि समुद्र तट से टकराने से पहले यास काफी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। समुद्र तट से गुजरने के बाद बुधवार दोपहर तक इसका असर और बढ़ने की आशंका है।

यास तूफान को देखते हुए पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आपदा राहत की टीमें तैनात हैं। एयरफोर्स और नेवी ने भी अपने कुछ हेलिकॉप्टर और नावें राहत कार्य के लिए रिजर्व रखे हुए हैं। तूफान को लेकर ओडिशा के बालासोर, भद्रक, केंद्रपारा, जगतसिंघपुर, मयूरभंज और केओनझार जिले हाई रिस्क जोन घोषित किए गए हैं।

बंगाल में नौ लाख लोगों को अब तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। वहीं, ओडिशा में दो लाख से अधिक लोगों को खतरनाक स्थानों से सुरक्षित निकाला गया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में चार हजार से अधिक भोजन केंद्र खोले गए हैं। 74,000 अधिकारियों और कर्मचारियों तथा दो लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को राहत व बचाव कार्य में लगाया गया है। जरूरत होने पर सेना की भी मदद ली जाएगी। हर ब्लॉक में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। कोलकाता में भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उत्तर व दक्षिण 24 परगना, पूर्व मिदनापुर और झाड़ग्राम जिले यास से अधिक प्रभावित हो सकते हैं।

दूसरी तरफ, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के उत्तरी इलाके में स्थिति की निगरानी के लिए गृह राज्य मंत्री डीएस मिश्रा को भेजा है। बालेश्वर, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा व भद्रक जिले में रेड अलर्ट (बहुत भारी बारिश की आशंका) जारी किया गया है और यहां के सभी सरकारी कर्मियों की छुट्टी रद कर दी गई है। डा. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि यास तेजी से अति गंभीर चक्रवात में बदल रहा है। मंगलवार की दोपहर से यह दस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर पश्चिम की दिशा में बढ़ रहा था।

ओडिशा के पारादीप से बंगाल के सागर द्वीप के बीच इसका सबसे अधिक प्रभाव दिखेगा। भद्रक जिले के धामरा व चांदबाली क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित होंगे। भद्रक, बालेश्वर, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा में हवा की रफ्तार 150 से 180 किलोमीटर प्रतिघंटा तक होगी। तूफान के जमीन से टकराने के छह घंटे पहले व छह घंटे बाद का समय सबसे महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व पुरी में टकराने वाले फनी चक्रवात की तुलना में यास का प्रभाव कम होगा। हवा की गति फनी से 50 किमी प्रति घंटे कम रहेगी।

ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना के अनुसार, पुरी, ढेकनाल, नयागढ़, गंजम, जाजपुर और अंगुल जिले से भी लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। विस्थापित लोगों के लिए प्रशासन ने इनके लिए राशन पानी का प्रबंध किया है। एक अधिकारी के अनुसार, करीब पांच हजार गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। तटीय जिलों में तेज बारिश का दौर ओडिशा के सभी जिलों में सोमवार शाम से ही बारिश हो रही है। मंगलवार को भी तेज बारिश का सिलसिला जारी रहा। पिछले 12 घंटे के भीतर पारादीप में सबसे अधिक बारिश हुई है।

पांच प्रखंडों में पिछले 24 घंटे के दौरान 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है। जेना ने बताया कि एनडीआरएफ के अलावा एसडीआरएफ की 60 टीमें, 205 अग्निशमन जवान, 86 पेड़ काटने वाली टीमें और 10,000 बिजली कर्मचारी तैनात किए गए हैं। गुरुवार सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक अस्पतालों, जलापूर्ति व अन्य जरूरी सेवाओं के संस्थानों को छोड़कर कहीं भी बड़े जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।

यास तूफान को लेकर यूपी, बिहार झारखंड सहित कई राज्यों में भी अलर्ट किया गया है। मौसम विभाग पटना ने सोमवार को कहा कि अगले 2-3 दिनों में राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। विभाग ने 27 और 28 मई के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है। उधर झारखंड में यास को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के दक्षिणी और केंद्रीय इलाकों में बुधवार और गुरुवार को तेज बारिश हो सकती है। पूर्वी सिंघभूम और रांची जिलों में एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात कर दी गई हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात का सबसे ज्‍यादा असर तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में देखने को मिलेगा। वहीं तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी इसका प्रभाव दिखाई देने की आशंका है। इन राज्यों के अलावा झारखंड और केरल के तटवर्ती इलाकों के कुछ हिस्‍से भी तक्रवाती तूफान से प्रभावित हो सकते हैं। असम और मेघालय में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल और ओडिशा में 26 और 27 मई को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

इस चक्रवात से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम के साथ ही नौसेना, वायुसेना व केंद्रीय एजेंसियों तथा बंगाल व ओडिशा की सरकारों ने युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। नौसेना ने राहत कार्यो के लिए चार युद्धपोत और कुछ विमान तैयार कर लिए हैं जबकि वायुसेना भी 11 परिवहन विमानों और 25 हेलिकॉप्टर के साथ चक्रवात से निपटने के लिए मुस्तैद है।

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