बारिश ने बरपाया कहर

शिमला:हिमाचल प्रदेश में जारी बारिश ने कहर बरपाया है। जगह-जगह भूस्खलन व पेड़ ढहने से सड़कें ठप हो गई हैं। वहीं, मंडी में बादल फटने से व्यापक नुकसान हुआ है। राज्य में 452 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए ठप हो गई हैं। दर्जनों गांवों में बिजली गुल है। 1814 बिजली ट्रांसफार्मर व 59 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 236 और शिमला में 59 सड़कें बंद हैं। इसी तरह मंडी जिले में ही 1335 व हमीरपुर में 445 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं।

राज्य में इस मानसून सीजन के दौरान 24 जून से 12 अगस्त तक 255 लोगों की मौत हो चुकी है। 290 घायल हुए हैं। अब तक 935 घर ढह गए हैं। 7758 घरों को नुकसान पहुंचा है। 269 दुकानों व 2635 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। मानसून में अभी तक 6807.22 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्य में भूस्खलन की 87 और अचानक बाढ़ की 54 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।राजधानी शिमला में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। जगह-जगह पेड़ गिरने व भूस्खलन से सड़कें ठप हो गई हैं। शहर मे करीब 40 पेड़ ढह गए हैं। इससे भवनों, गाड़ियों को नुकसान हुआ है।

शिमला-धर्मशाला-मंडी नेशनल हाईवे घणाहट्टी के पास भूस्खलन व ढांडा के पास पेड़ गिरने से बाधित हो गया। जाखू में आरसीसी कंप्यूटर के पास भी भूस्खलन हुआ है।संजौली में भी पेड़ गिरने से सड़क बंद हो गई। वहीं, भूस्खलन के कारण कैपिटल होटल से कैथू अनाडेल तक का सड़क भी बंद रही।शिमला के टूटीकंडी में निजी बस पर पेड़ गिर गया। हादसे में एक व्यक्ति घायल हो गया है। बस को भी नुकसान हुआ है। गनीमत रही कि बड़ा हादसा नहीं हुआ।

शहर के विकासनगर में चार से पांच पेड़ गिर गए हैं। एक पेड़ भवन पर गिर गया है। इससे भवन को नुकसान हुआ है।वहीं, खलीनी की फॉरेस्ट कॉलोनी के पास देवदार के करीब एक दर्जन पेड़ ढह गए हैं। गाड़ी को भी नुकसान पहुंचा है। भराड़ी में भी भूस्खलन हुआ है।शिमला-दुधली सड़क पर भूस्खलन दो खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। भूस्खलन से कई पेड़ भी ढह गए हैं। इससे यातायात भी ठप हो गया। साथ ही गाड़ियों को क्रेन की मदद से हटवाया गया।

जिला मंडी के नाचन क्षेत्र के चुनाहन में बादल फटने से तबाही हुई है। बादल फटने के बाद बड़ी मात्रा में पानी व मलबा रिहायशी क्षेत्रों में आ गया। घरों के आसपास पार्क गाड़ियां मलबे के साथ पानी में बह गईं। कई घरों के आंगन बह गए हैं। जिससे मकानों को खतरा पैदा हो गया है। वहीं, खेत मक्की-धान की फसलों सहित बह गए हैं।उधर, बल्ह के नागचला से डडोर तक फोरलेन व आसपास के क्षेत्र में बड़ी मात्रा में जलभराव हो गया है। मंडी की सुकेती खड्ड में बाढ़ आने से बल्ह घाटी में मंडी शहर से पांच किलोमीटर दूर रत्ती से लेकर गुटकर तक करीब 14 किलोमीटर क्षेत्र में 11 पंचायतें और नगर परिषद के आठ वार्डों में जलभराव हो गया।

वहीं, धर्मपुर में सोन खड्ड ने तबाही मचाई है। मलबा व पानी दुकानों-घरों में घुस गया है। बिजली आपूर्ति व संचार सेवाएं ठप हो गई हैं। धर्मपुर और सरकाघाट का अन्य जिला से संपर्क कटा हुआ है। निर्माणाधीन एनएच जालंधर-मंडी वाया कोटली कई स्थानों पर पूरी तरह से बंद हो गया है।बिलासपुर में दगसेच के पास पहाड़ी धंसने से शिमला-धर्मशाला हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया। शिमला से आने वाले वाहनों को नवगांव से बैरी वाली सड़क से सफर करना होगा। पहाड़ी धंसने से दो मकान भी जमींदोज हो गए। सड़क समेत तीन-चार वाहन मलबे में दब गए हैं।

कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर पहाड़ से लगातार भूस्खलन हो रहा है। चक्कीमोड़ में बार-बार भूस्खलन के कारण हाईवे पर रफ्तार थम रही है। हजारों की संख्या में वाहन फंसे हुए हैं। वहीं लोगों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।पांवटा-शिलाई नेशनल हाईवे चौथे दिन भी बहाल नहीं हो पाया है। बारिश ने सड़क बहाली का कार्य रोका दिया। सिरमौर जिले में 10 सड़कों पर अभी भी वाहनों की आवाजाही ठप पड़ी है

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज भी प्रदेश में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जबकि 14 अगस्त के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। 19 अगस्त तक राज्य में मौसम खराब बना रहने की संभावना है। 10 जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला, सिरमौर, सोलन, हमीरपुर, किन्नौर व बिलासपुर में अचानक बाढ़ का खतरा बताया गया है।भवारना से शिवनगर वाया खैरा, बन कुडुंग सड़क पर चट्टानें गिर गईं। इससे वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है। पिछले वर्ष भी लोगों को यहां भूस्खलन के चलते सड़क खुलने के लिए चार दिन इंतजार करना पड़ा था।

भारी बारिश से थुरल बाजार जलमग्न हो गया है। जलभराव से 100 से अधिक दुकानों में पानी घुस गया है। इससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।नगरोटा बगवां के ठानपुरी के समीप राष्ट्रीय उच्च मार्ग 154 का लगभग 150 फीट हिस्सा धंस जाने से एनएच को यातायात के बंद कर दिया गया है। इससे वहीं, पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग 32 मील के पास यातायात के लिए बहाल कर दिया है। वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है।

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