फाइनल फेज में रेस्क्यू ऑपरेशन

उत्तरकाशी। चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। इन श्रमिकों को सुरंग के अंदर फंसे हुए 300 घंटे से अधिक का समय हो गया। आज उम्मीद बनी है कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाला जाएगा। इसके लिए सभी तरह की तैयारियां की गई है। वहीं अस्पताल और डॉक्टर्स भी अलर्ट पर हैं।उत्तरकाशी। केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह टनल का निरीक्षण करने पहुंचे। बता दें कि केंद्रीय राज्य मंत्री उत्तरकाशी में ही कैम्प कर रहे हैं।

भास्कर खुल्बे ने कहा कि कल रात रेस्क्यू टीम ने 3 बड़े काम किए। हमने पाया कि अगले 5 मीटर तक बरमा के रास्ते में कोई बाधा नहीं है। आशा है हम सहजता से आगे बढ़ सकेंगे। अगले 12 से 15 घंटे में सफलता मिल सकती है।ऑगर मशीन से ड्रिलिंग पूरी होने के बाद NDRF कुछ इस तरह से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालेगी। एजेंसी ने इसको लेकर ड्रील की। टायर लगे स्ट्रेचर से एक सिविलियन को बाहर निकालने की मॉक ड्रील सफल रही।

पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम आज शाम तक मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा।उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। शुक्रवार को एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है।

केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे। यहां टनल में फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। पूर्व पीएमओ सलाहकार का कहना है कि अगले 5 मीटर में कोई धातु अवरोध नहीं है। सिल्क्यारा सुरंग में बचाव अभियान जल्द ही फिर से शुरू होगा।

बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने बेंगलुरु से दो एडवांस ड्रोन मंगाए हैं। बेंगलुरु की स्क्वाड्रन इंफ्रा के छह टनलिंग-माइनिंग विशेषज्ञ इंजीनियर की टीम ने सुरंग में पहुंचकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से स्थिति देखी। बीआरओ के डीडीजी ब्रिगेडियर विशाल वर्मा का कहना है कि मलबे के भीतर ड्रिल में आ रही दुश्वारियों के बीच बेंगलुरु की स्क्वाड्रन इंफ्रा एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की मदद ली जा रही है।‌

आज उम्मीद बनी है कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाला जाए। सिलक्यारा क्षेत्र में एम्बुलेस भी तैनात हैं। एयरलिफ्ट कर एम्स लेकर जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी की गई है। जब श्रमिकों को सुरंग से निकाला जाएगा तो उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ पहुंचाने के लिए सिलक्यारा से लेकर चिन्यालीसौड़ के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ में भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। यहां आइटीबीपी को तैनात किया गया है।

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