नई दिल्ली: हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इस दिन शिवभक्त शिवरात्रि व्रत का पालन करते हैं और महादेव एवं माता पार्वती की उपासना पूर्ण भक्ति से करते हैं।
बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती विवाह के पवित्र सूत्र में बंधे थे। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर्व18 फरवरी 2023, शनिवार के दिन मनाया जाएगा।
बता दें कि इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन शनि प्रदोष व्रत का अत्यंत दुर्लभ संयोग बन बन रहा है। साथ ही इस दिन सर्वाथ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इस संयोग के लिए कुछ खास उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने से भक्तों को भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें और जल में काला तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ का निरंतर जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव अतिप्रसन्न होते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन पूजा के समय भोलेनाथ को कुल 21 बेलपत्र एक-एक करके अर्पित करें। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ अवश्य करें। इस उपाय का पालन करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और साथ ही शनि देव का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है।
शिवरात्रि के दिन शाम 04 बजकर 12 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 03 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन इस शुभ योग में 13 बेलपत्र लें और उनपर शहद लगाएं। फिर ‘ॐ नमः शिवाय’ का उच्चारण करते हुए शिवजी को अर्पित करें। ऐसा करने से आर्थिक संकट दूर हो जाता है।
पूजा पाठ से पहले स्नान करना आवश्यक माना जाता है। इसलिए शिवरात्रि के दिन महाशिवरात्रि की पूजा से पहले सर्वार्थ सिद्धि योग में स्नान-ध्यान करें। स्नान से पहले पानी बेलपत्र लाल-चंदन, दही, हल्दी और बेसन मिलाकर स्नान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से आरोग्यता का आशीर्वाद मिलता है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।