ब्लैकहोल का राज

नैनीताल। भारतीय वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल के बीच से निकलने वाली रेडियो तरंगों की उत्पत्ति का पता लगा लिया है। नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के पब्लिक आउटरीच कार्यक्रम प्रभारी डॉ.वीरेंद्र यादव के अनुसार, अंतरिक्ष में विभिन्न द्रव्यमान के ब्लैक होल होते हैं।

ये अपने केंद्र से शक्तिशाली रेडियो तरंगों का उत्सर्जन करते हैं। वैज्ञानिक अभी तक समझने की कोशिश मेें थे कि इन तरंगों का उत्सर्जन क्यों होता है और इन्हें ऊर्जा कहां से मिलती है? ब्लैक होल अंतरिक्ष में मौजूद बेहद शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र होते हैं।

यह अध्ययन रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की मासिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसमें डॉ. सुवेंद के साथ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, आईआईटी-गुवाहाटी और चीन के वैज्ञानिक शामिल रहे।

शोध टीम का हिस्सा रहे डॉ.सुवेंद रक्षित के अनुसार, ब्लैक होल के घूमने से निकलने वाली रेडियो तरंगों को डिस्क से भी ऊर्जा मिलती है। डिस्क ब्लैक होल का ही हिस्सा है। यही रेडियो तरंगों के पैदा होने का संभावित स्रोत हो सकता है। यह तथ्य साफ होने के बाद ब्लैक होल के अध्ययन की राह आसान होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *