ट्रंप समर्थक हुए हिंसक, 4 लोगों की हुई मौत और 52 गिरफ्तार

वाशिंगटन । अमेरिका में जैसे जैसे नव निर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन के शपथ लेने के दिन नजदीक आ रहे हैं वैसे ही मौजूदा राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और उनके समर्थक ज्‍यादा हमलावर हो रहे हैं। इस सियासी खींचतान की वजह से बुधवार को ट्रंप समर्थकों ने व्‍हाइट हाउस और कैपिटल बिल्डिंग के बाहर जबरदस्‍त हंगामा किया।

इस दौरान ट्रंप समर्थकों की पुलिस से झड़प भी हुई है जिसमें अब तक एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई है। इस हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इस घटना के बाद करीब 52 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। इस हिंसक घटना को देखते हुए वाशिंगटन डीसी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हिंसा को देखते हुए वाशिंगटन में भारी पुलिसबल तैनात किया गया है। इस हिंसा के बाद ट्रंप के दो सहायकों ने अपने पद से इस्‍तीफा भी दे दिया है।

 

अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्‍ल्‍यू बुश समेत भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की निंदा की है। पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा है कि वो अमेरिका में हुई हिंसक झड़प की खबर से काफी दुखी हैं। सत्‍ता का हस्‍तांतरण बेहद शांत और खुशनुमा माहौल में पूरा किया जाना चाहिए। लोकतंत्र में इस तरह की घटनाओं की कोई जगह नहीं है। ओबामा ने अपने बयान में कहा कि आने वाला समय इस दिन को हमेशा याद रखेगा कि कैसे मौजूदा राष्‍ट्रपति ने झूठ बोलकर चुनाव परिणामों को गलत साबित करने की कोशिश की और गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दिया। उन्‍होंने अपने बयान में इस घटना को अमेरिका के लिए शर्मसार करने वाली बताया है।

 

इस घटना के बाद सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक, ट्विटर और इंस्‍टाग्राम ने कुछ समय के लिए राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप का अकाउंट सस्‍पेंड कर दिया है। इसकी वजह ट्रंप द्वारा अपने समर्थकों दिया वो संबोधन है जिसको इन वेबसाइट ने आपत्तिजनक माना है। फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ इंटीग्रिटी जी रोसेन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उनका मानना है कि ये वीडियो हिंसा को कम करने की बजाए बढ़ाने में योगदान दे रहा था। लिहाजा इस वीडियो को हटा दिया गया है। फेसबुक के अलावा दूसरे सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म से भी ये वीडियो हटा दिया गया है।

 

वहीं ट्रंप ने एक बार राष्‍ट्रपति चुनाव में बाइडन पर धांधली करने का आरोप लगाया। इसके बाद ट्रंप को जवाब देते हुए बाइडन ने कहा कि वो संविधान की रक्षा करें और इस तरह की घेराबंदी को खत्‍म करें। उन्‍होंने ट्रंप समर्थकों के हंगामे को भी अमेरिकी संविधान पर हमला करार दिया है। उन्‍होंने इसको अमेरिकी इतिहास का बुरा दिन बताया है। बाइडन ने कहा है कि कुछ लोग न सिर्फ चुनाव के परिणाम को नहीं मान रहे हैं बल्कि कानून की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं। एक तरफ जहां बाइडन ने ट्रंप को अपने समर्थकों को शांत करने की अपील की है वहीं ट्रंप ने कहा है कि वो हार नहीं मानने वाले हैं।

 

आपको बता दें 20 जनवरी को जो बाइडन को अमेरिकी राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेनी है। अमेरिकी इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब राष्‍ट्रपति चुनाव को लेकर इतना हंगामा हुआ है और इस तरह की हिंसा हुई है। इस बीच रॉयटर्स ने खबर दी है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने नए अटॉर्नी जनरल के रूप में मेरिक गारलैंड का चयन किया है, जो कि एक जज हैं।

ट्रंप ने अपने समर्थकों से कहा है कि वो केवल शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें हिंसा न करें। उन्‍होंने चुनाव में अपनी हार मानने से साफ इनकार कर दिया है। ट्रंप ने उपराष्‍ट्रपति माइक पेंस से यहां तक कहा है वो राज्‍यों से आए चुनाव परिणामों को वापस भेज दें। हालांकि पेंस ने इस बारे में साफ कर दिया है कि ट्रंप को इसका अधिकार नहीं है। इसके बाद ट्रंप ने पेंस पर हमलावर होते हुए कहा है कि संविधान की रक्षा के लिए पेंस को जो करना चाहिए था वो उन्‍होंने नहीं किया। राज्‍यों को चुनाव परिणामों के तथ्‍यों को प्रमाणित करने का मौका मिलना चाहिए। अमेरिकी जनता इस चुनाव परिणाम का सच जानना चाहती है।

गौरतलब है कि बुधवार को अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र में निर्वाचक मंडल के मतों की गणना और उन्हें प्रमाणित करने की प्रकिया शुरू हुई थी। इस पर एरिजोना के रिपब्लिकन सांसदों ने आपत्ति जताई थी। इसके आधार पर उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने सीनेट के संयुक्त सत्र की कार्यवाही स्थगित कर दी थी। उन्‍होंने आपत्तियों पर दोनों सदनों के सदस्‍यों को बहस के लिए दो घंटे का समय भी दिया था। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया।

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