हवा और वर्षा बनी किसानों के लिए आफत

फरीदाबाद:  तेज हवा के साथ हुई वर्षा से फसलों में भारी नुकसान हुआ है। फसल पकाव पर होने के कारण 70 प्रतिशत जमीन पर गिर चुकी है। इसे काटने में काफी कठिनाई होगी। मजदूर एक एकड़ को खेत में से काटने का आठ से नौ मन (40 किलोग्राम का एक मन) गेहूं ले रहे हैं।

जबकि एक एकड़ में 40 से 45 मन गेहूं बड़ी मुश्किल से उत्पादन होगा। अभी भी मौसम पूरी तरह से साफ नहीं है। किसानों को फसल की कटाई करने के लिए मजदूरों का भी मिलना आसान नहीं है। किसान अब फसल निपटाने को लेकर बहुत परेशान हैं।

जागरण संवाददाता, हिसार: पश्चिमी विक्षोभ के कारण शुक्रवार को प्रदेश में जमकर वर्षा हुई। कुछ जगहों पर जमकर ओलावृष्टि भी हुई। चैत्र में भारी वर्षा और ओलावृष्टि ने गेहूं और सरसों को नुकसान पहुंचाया है। सबसे ज्यादा फसली क्षति सिरसा क्षेत्र में हुई है। यहां इतनी ओलावृष्टि हुई कि धरती पर सफेद चादर बिछ गई। नेशनल हाईवे पर बर्फ की परत बनी दिखाई दी। भिवानी, रेवाड़ी और नारनौल में भी ओलावृिष्ट हुई। वर्षा का आकलन नहीं हुआ है।

लेकिन ओलावृष्टि से रानियां, ओढ़ां और बड़ागुढ़ा क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों में फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। पकी फसलें जमीन पर बिछ गई हैं। सिरसा में 20 मिनट तक लगातार ओले गिरते रहे। किसानों ने बताया कि इतनी अधिक ओलावृष्टि हुई कि खेत में कुछ नहीं बचा है।

पन्नीवालामोटा, साहुवाला, खारियां, ओढ़ां क्षेत्र में वर्षा की जगह इतने ओले गिरे कि बरसात के पानी की जगह ओले ही नजर आते रहे। वर्षा के कारण सरसों में लगी फलियों से दाना झड़कर बह गया है। सरसों उत्पादक किसान जिनकी फसल खेत में खड़ी है उन्हें भारी क्षति हुई है।

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