देहरादून: जमीन बेचने के नाम पर धोखाधड़ी के शहर में दो मामले सामने आए हैं। दोनों मामलों में पीड़ितों से करीब 1.45 करोड़ रुपये हड़प लिए गए। पहले मामले में ओएनजीसी के पूर्व कर्मचारी को चपत लगाई गई है। जबकि, दूसरे में एक महिला ने पहले बेची गई जमीन का परिवार से दोबारा सौदा कर करीब 75 लाख रुपये हड़प लिए। दोनों मामलों में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अनिल कुमार भाटिया निवासी पंडितवाड़ी ने एसएसपी को शिकायत की थी। भाटिया ओएनजीसी से सेवानिवृत्त हैं। आरोप लगाया कि कोरोना की पहली लहर में अमिताभ शाही, उसकी पत्नी शालिनी शाही और मां तारा देवी निवासी वार्ड-तीन विकासनगर ने उनसे संपर्क किया। तीनों ने कहा कि उनकी सिनौला में 431 वर्ग मीटर जमीन है।
कोविड में रुपये की जरूरत बताते हुए उसे सस्ते दाम पर बेचने की डील की। पीड़ित ने घर में बात की तो उनके बेटे चिराग भाटिया और तारा देवी के बीच जमीन का एग्रीमेंट 19 नवंबर 2020 को हुआ। एग्रीमेंट के हिसाब से पीड़ित ने 70 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। रजिस्ट्री की तिथि 18 फरवरी तय हुई। आरोप है कि तय तिथि नजदीक आने पर आरोपी पक्ष ने बहाने बनाने शुरू कर दिए।
उन्होंने एग्रीमेंट की तिथि निकलने के बाद भी जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई। आरोप है कि इसके बाद जमीन किसी अन्य को बेचने की बात की। रकम वापस मांगी तो वह भी नहीं लौटाई। मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
चित्रा गुप्ता पत्नी अशोक गुप्ता निवासी क्वीन कोर्ट पंचम तल ने डीजीपी से शिकायत की थी। बताया कि रीतू चौधरी निवासी जाखन ने उन्हें अपनी जाखन स्थित जमीन बेचने की डील की। 28 जून 2021 को एग्रीमेंट हो गया। जिसमें 11 महीने के भीतर बैनामे की तिथि तय की गई। पीड़ित पक्ष ने कुल 94.86 लाख रुपये का भुगतान आरोपी महिला को कर दिया। इसके बाद आरोपी महिला ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई।
पीड़ित पक्ष को पता लगा कि उक्त महिला अपनी इस जमीन को 18 दिसंबर 2015 और 28 नवंबर 2017 में अलग-अलग लोगों को बेच चुकी है। पीड़ित पक्ष ने रकम वापस मांगी तो महिला ने 20 लाख रुपये वापस किए। शेष रकम लौटाने को कहा तो धमकी देने लगी। राजपुर थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपी महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।