केरल से लेकर दिल्ली तक ‘कोरोना संकट’

नई दिल्ली :कोरोनावायरस का बढ़ता संक्रमण एक बार फिर से लोगों की चिंता बढ़ाने लगा है। हांगकांग-सिंगापुर के बाद अब भारत में भी संक्रमण के मामलों में उछाल की खबर है। अलग-अलग राज्यों से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक यहां कोरोना फिर से एक्टिव हो गया है।

शुक्रवार (23 मई) को दिल्ली सरकार द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक राजधानी में कोरोना के 23 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा गाजियाबाद में चार, गुरुग्राम में तीन और फरीदाबाद में दो संक्रमित पाए गए हैं।दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने शुक्रवार को स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को लेकर समीक्षा बैठक की। सरकार कोविड के वर्तमान पुष्ट मामलों के सत्यापन की प्रक्रिया में जुटी है। यह पता लगाया जा रहा है कि यह मरीज दिल्ली के हैं या बाहर से यात्रा कर आए हैं?

क्या देश में कोरोना की एक और लहर आने वाली है, क्या संक्रमण से बचाव के लिए एक बार फिर से लोगों को वैक्सीन लेनी होगी? आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो पता चलता है कि केरल फिलहाल सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। शुक्रवार को हुई एक बैठक के दौरान केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सभी जिलों से कोविड-19 की निगरानी बढ़ाने को कहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सबसे अधिक प्रभावित राज्य केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र हैं, जहां कुल मिलाकर 85% से अधिक सक्रिय मामले हैं। केरल 95 सक्रिय मामलों के साथ सूची में सबसे ऊपर है, तमिलनाडु में 66 और महाराष्ट्र में 56 हैं। दिल्ली (23), पुडुचेरी (10), कर्नाटक (13), गुजरात (7), राजस्थान (2), हरियाणा (1), सिक्किम (1) और पश्चिम बंगाल (1) शामिल हैं।महाराष्ट्र के ठाणे शहर में पिछले तीन दिनों में कोविड-19 के 10 मामले सामने आए हैं, अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। इसके बाद नगर निगम प्रशासन ने अस्पतालों से सतर्क रहने को कहा है।

ठाणे नगर निगम (टीएमसी) द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, रोगियों में हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं और उनका घर पर ही इलाज चल रहा है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं का पर्याप्त भंडार है और कोविड-19 टेस्ट किट भी आसानी से उपलब्ध हैं। नगर निगम ने आश्वासन दिया है कि स्थिति नियंत्रण में है, लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।कुछ दिनों से भारत में कोरोना को लेकर जैसी खबरें सामने आ रही हैं और जिस तरह से कई एशियाई देशों में स्थिति देखी गई है, इसने लोगों को काफी डरा दिया है। लोगों के मन में एक बड़ा सवाल बना हुआ है कि क्या भारत में कोरोना की एक और लहर आने वाली है?

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, गांधीनगर गुजरात में संक्रामक रोग-महामारी विशेषज्ञ डॉ अनीश सिन्हा कहते हैं, फिलहाल इसकी आशंका कम है कि देश में संक्रमण तेजी से बढ़ेगा या फिर इसकी और एक बड़ी लहर आएगी। हालांकि कई एशियाई देशों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमें सावधानी जरूर बरतते रहने की आवश्यकता है।ओमिक्रॉन के जिस JN.1 वैरिएंट को बढ़ते संक्रमण के लिए जिम्मेदार माना जाता रहा है, वह भारत में पहले भी देखा जा चुका है। इसकी प्रकृति पहले के वैरिएंट्स की तरह खतरनाक नहीं है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि समय के साथ वैक्सीन से शरीर में बनी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे नए म्यूटेटेड वैरिएंट्स से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।सार्स-सीओवी-2 वायरस लगातार उत्परिवर्तित हो रहा है, जिससे नए सब-वैरिएंट्स भी सामने आ रहे हैं। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को चकमा दे सकते हैं। इन नए वैरिएंट्स से बचाव के लिए दुनियाभर में स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को सालाना बूस्टर वैक्सीन लेने की सलाह देते रहे हैं, विशेषतौर पर उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 65 साल से अधिक उम्र वालों को।

कोरोना के नए वैरिएंट्स को लक्षित करने और इसके खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिकों ने टीकों को अपडेट किया है, जो आपको अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।65 वर्ष या उससे अधिक, कोमोरबिडिटी के शिकार और अन्य उच्च जोखिम वाले लोगों को अपने डॉक्टर से मिलकर अपडेटेड वैक्सीन लेने की सलाह लेनी चाहिए, ताकि आप जोखिमों को कम कर सकें।

वैक्सीनेशन के अलावा कोरोना से बचाव के लिए सभी लोगों के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना जरूरी है। हाथ की स्वच्छता बनाए रखना, मास्क पहनना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए।कोरोना भले ही आपको ज्यादा नुकसान न पहुंचाए पर आपके माध्यम से उन लोगों तक जरूर पहुंच सकता है जिनमें संक्रमण के गंभीर रूप लेने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए बचाव को लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

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