उदय दिनमान डेस्कः देश में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप धीरे-धीरे कम होता नजर आ रहा है। पिछले कुछ दिन से नए मामले 30 हजार के आसपास रह रहे हैं। हालात बेहतर होते देख कई राज्यों ने स्कूल खोलने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। महाराष्ट्र, हरियाणा, त्रिपुरा, उत्तराखंड, बिहार जैसे राज्यों में स्कूल या तो खुल चुके हैं या इस महीने खुलने जा रहे हैं।
स्थानीय स्तर पर उन शहरों में जहां पर कोविड का प्रकोप उतना नहीं है, स्कूल खुल रहे हैं। पटना, कोलकाता समेत देश के कई शहरों में फिलहाल ऐसी ही व्यवस्था है। शिक्षाविदों और पेरेंट्स की तरफ से भी अब स्कूल खोलने का दबाव बन रहा है। बेंगलुरु में तो शनिवार को स्कूल खोलने की मांग को लेकर धरना बुलाया गया है।
उत्तराखंड सरकार ने 15 दिसंबर से स्कूल खोलने का फैसला किया है। हरियाणा में सोमवार से सोमवार से कक्षा 10 और 12 के स्कूल खुल जाएंगे। कक्षा 9 और 11 के लिए 21 दिसंबर से स्कूल खुलेंगे। महाराष्ट्र में कक्षा 9-12 के स्कूल पिछले महीने खुल चुके हैं मगर 5वीं से 8वीं के स्कूल बंद हैं। ओडिशा में भी सरकार स्कूल खोलने को लेकर असमंजस में है। वहां इस साल स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम है। बिहार में जल्द 8वीं तक के स्कूल खुल सकते हैं।
बहुत सारे राज्यों ने साफ ऐलान कर दिया है कि इस साल स्कूल खोलने की संभावना नहीं है। इनमें दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम जैसे राज्य शामिल हैं। मध्य प्रदेश में तो आठवीं तक के स्कूल 31 मार्च, 2021 तक के लिए बंद कर दिए गए हैं।
कर्नाटक के बेंगलुरु में शनिवार को एक ‘साइलेंट प्रोटेस्ट’ बुलाया गया है। डिमांड है कि स्कूल फौरन खोले गए। शिक्षाविद वीपी निरंजन आचार्य ने ‘बैंगलोर मिरर’ से बातचीत में कहा कि मार्च से ही स्कूल बंद हैं जिसकी वजह से बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य को खासा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम और कम उम्र में शादियां बढ़ गई हैं।
देश के एक बड़े हिस्से में इस साल स्कूल नहीं खुलेंगे। दिल्ली में सरकार वैक्सीन लॉन्च होने का इंतजार कर रही है। बाकी राज्य भी स्थिति के और बेहतर होने की राह देख रहे हैं। भारत में किसी वैक्सीन को जनवरी 2021 तक अप्रूवल मिल सकता है। हो सकता है कि इन राज्यों के स्कूल अब अगले साल जनवरी या उसके बाद ही खुलें।