इंसान की शक्‍ल वाली मकड़ी

जमशेदपुर। दुनिया में एक से बढ़कर एक जीव पाए जाते हैं, कोई रंग बिरंगा तो कोई बिल्‍कुल बेरंग, कोई काफी बड़ा तो कोई इतना छोटा कि ठीक से दिखाई भी न दे। इसी तरह की एक मकड़ी जमशेदपुर के दलमा जंगल में मिली है, जिसका सिर इंसानी शक्ल जैसा है। इस मकड़ी की खोज जीव-जंतुओं पर शोध कर रहे विशेषज्ञ राजा घोष ने की है।

राजा घोष कहते हैं कि जैसे ही मेरी नजर इस मकड़ी पर पड़ी तो मैं भौचक रह गया। मैंने जल्‍दी-जल्‍दी इसकी तस्‍वीरें ली। यह मकड़ी जीव-जंतुओं पर शोध करने वाले विशेषज्ञों के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि इंसानी शक्ल वाली मकड़ी दुर्लभ है। इस मकड़ी को सबसे पहले चीन में देखा गया था, इसके बाद 2019 में असम के चाय बागान में इसे देखा गया। इसके बाद यह झारखंड के दलमा में मिली है।

जीव-जंतुओं पर शोध करने वाले वैज्ञानिक डा. मिथलेश द्विवेदी कहते हैं कि इंसानी शक्ल वाली यह मकड़ी थोमिसाइड प्रजाति की है। इसे केकड़ा मकड़ी भी कहा जाता है क्योंकि इसके पैर की पहली जोड़ी केकड़े की तरह फैली रहती है। यह चलती भी केकड़े की तरह है।

इसके पेट के ऊपर इंसानी शक्ल वाले धब्बे हैं, जो इंसान की शक्ल जैसा दिखाई देता है। डा. द्विवेदी कहते हैं कि यह मकड़ी अपना शिकार जाला बनाकर नहीं, बल्कि एंबुस की तरह करती है यानि कि यह घात लगाए बैठी रहती है और अचानक अपने शिकार पर धावा बोल देती है।

जूलाेजिकल सर्वे आफ इंडिया के ज्वाइंट डायरेक्टर डा. गोपाल शर्मा कहते हैं, इंसानी शक्ल वाली यह मकड़ी झारखंड में पहली बार पाई गई है। हालांकि, बिहार के कुछ इलाकों में भी इसे देखा जा चुका है। चूंकि शोध करने वाले भी काफी कम संख्या में हैंं इसलिए इस तरह की मकड़ी का कोई इतिहास नहीं है। यही कारण है कि यह दुर्लभ श्रेणी में शामिल हो गया है। यह मकड़ी घास, जमीन, पेड़ों की छाल, फल व फलों के अलावा सूखे स्थान पर पाई जाती है।

इसी तरह से दलमा के डीएफओ डा. अभिषेक कुमार ने कहा, संभावना है कि इस तरह की मकड़ी यहां काफी संख्या में हो। इसके संरक्षण और अन्य जानकारी के लिए वह जीव-जंतु विशेषज्ञों की एक टीम को दलमा में खोज करने के लिए प्रेरित करेंगे। इसकी सूचना मकड़ी संग्रहालय जबलपुर (मध्यप्रदेश) को भी दी जाएगी।

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