हरिद्वार में मकर संक्रांति स्नान पर पाबंदी

हरिद्वार। हरिद्वार जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मकर संक्रांति स्नान पर पाबंदी लगा दी है। सोमवार देर शाम जारी आदेश में जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने निर्देश दिए हैं कि मकर संक्रांति के दिन स्थानीय और बाहरी किसी भी व्यक्ति को गंगा स्नान के लिए हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर जाने की अनुमति नहीं होगी। किसी भी सूरत में गंगा स्नान की किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी।

कोविड की तीसरी लहर और जिले में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन की ओर से 14 जनवरी मकर संक्राति स्नान को प्रतिबंधित कर दिया गया है। पर्व स्नान पर जिले और दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी स्थिति में स्नान की अनुमति नहीं दी जाएगी। इतना ही नहीं हरकी पैड़ी क्षेत्र में श्रद्धालु और स्थानीय लोगों का प्रवेश भी प्रतिबंधित रहेगा।

निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशनंद गिरि महाराज ने लिखित बयान जारी कर कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारत के सनातनी श्रद्धालुओं से अपने-अपने घरों में रहकर मकर संक्राति का त्योहार मनाने और मानसिक रूप से मां गंगा का स्नान करने की अपील की है।

हरिद्वार जिले में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। रोजाना बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। लिहाजा जिला प्रशासन की ओर से पूरी सतर्कता बरती जा रही है। 14 जनवरी मकर संक्राति पर बड़ी संख्या में स्थानीय और दूसरे राज्यों के श्रद्धालु गंगा स्नान को पहुंचते हैं।

कोरोना की तीसरी लगहर और संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने सोमवार शाम आदेश जारी कर मकर संक्राति स्नान को प्रतिबंधित कर दिया है।

हरकी पैड़ी क्षेत्र में श्रद्धालु और स्थानीय नागरिकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। दूसरे जिले और राज्यों से आने वाले श्रद्धालु को किसी भी स्थिति में अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने बताया कि इसका उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

बताया कि जिले में रात्रि कर्फ्यू रात दस बजे से सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने अधीनस्थों को आदेशों का कड़ाई से पालन कराने को कहा है।

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