पाकिस्‍तान में बढ़ गए कारोना मरीज

नई दिल्‍ली। पाकिस्‍तान में कोरोना संक्रमण तेजी से पांव पसारता दिखाई दे रहा है। वहां के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आंकड़े बताते है कि बीते एक सप्‍ताह के अंदर देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में करीब 23 फीसद का उछाल आया है। वर्तमान में पाकिस्‍तान में कोरोना संक्रमण के कुल 903599 मामले हैं। वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्‍या करीब 820374 है। इसके अलावा इसकी चपेट में आकर जान गंवाने वालों की संख्‍या 20308 है।

पाकिस्‍तान के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आंकड़ों की ही यदि बात करें तो ठीक होने वाले मरीजों में 8.4 फीसद की गिरावट देखने को मिली है। वहीं मौतों का आंकड़ा करीब 11 फीसद तक बढ़ गया है। पाकिस्‍तान में कोरोना संक्रमण मामलों की मौजूदा दर 5 फीसद से अधिक है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि कोरोना संक्रमण के कुल मामलों के आधार पर पाकिस्‍तान का विश्‍व में 29वां स्‍थान है। यहां पर 20 मई तक 4,956,853 कोरोना वैक्‍सीन की खुराक दी जा चुकी हैं।

पाकिस्‍तान में अब तक 40 लाख लोगों को मिल चुकी है कोरोना वैक्‍सीन की खुराक दी जा चुकी हैं। वहीं पाकिस्‍तान ने नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्‍सीन का ट्रायल शुरू करने वाला है। ये ट्रायल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्‍थ साइंस (यूएचएस) ने कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत शुरू किया जाना है।

आपको बता दें कि पाकिस्‍तान में बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना के कुल 3060 मामले सामने आए हैं जबकि देश में 57 मौतें हुई हैं। जहां तक कोरोना की नाक से दी जाने वाली वैक्‍सीन की बात है तो आपको बता दें कि इसकी एक ही खुराक लोगों को दी जाएगी। इस दवाई के लिए सुईं की जरूरत नहीं होगी। पाकिस्‍तान के विशेषज्ञों के मुताबिक कमेटी की मंजूरी के बाद इसका ट्रायल छह से आठ सप्‍ताह के बीच शुरू कर लिया जाएगा।

यूएचएस के वाइस चांसलर डॉक्‍टर जावेद अकरम के मुताबिक सिंगल डोज की ये दवा केंसिनो बायोलॉजिक्‍स द्वारा बनाई गई है। उनके मुताबिक नाक से अक्‍सर बच्‍चों को दवा दी जाती है लेकिन इसको लेकर कोई उम्र की बाध्‍यता नहीं होती है। उनका ये भी कहना है कि ये व्‍यस्‍कों के अलावा बच्‍चों को भी दी जा सकेगी। अकरम के मुताबक ये दवाई इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत करेगी और रेसिपिरेटरी पैसेज को इंफेक्‍शन से मुक्‍त करेगी। उनमुताबिक इसके जरिए हर्ड इम्‍यूनिटी को विकसित करने में मदद मिलेगी।

अकरम का ये भी कहना है कि ये चीन में पहले से ही दी जा रही है और ये इंजेक्‍शन के माध्‍यम से दी जाने वाली दवाओं से ज्‍यादा बेहतर है। इतना ही नहीं इसकी कीमत भी कोरोना वैक्‍सीन की तुलना में कम है। एक बार प्रोटोकॉल के तहत इसको जांच लिया जाएगा तो इसको नेशनल बायोथिक कमेटी के लिए रेफर कर दिया जाएगा। इसके इस्‍तेमाल की अंतिम मंजूरी ड्रग रेगुलेटरी ऑथरिटी ऑफ पाकिसतान से ही दी जाएगी। उनका मानना है कि ये पूरा प्रोसेफ छह से आठ सप्‍ताह के दौरान पूरा कर लिया जाएगा।

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