चमोली आपदा : गंगा में तीन दिन बाद दिखा जल प्रलय का रंग

ऋषिकेश। जनपद चमोली के ऋषि गंगा में बीते रविवार की सुबह जल प्रलय की घटना के बाद अगले दो दिन तक सबकी नजर ऋषिकेश और हरिद्वार मैदानी क्षेत्र क्षेत्र में बहने वाली गंगा पर थी। सभी को यही आशंका थी कि ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर अवश्य बढ़ेगा और गंगा के रंग में भी परिवर्तन आएगा।

बुधवार को चमोली की जल प्रलय की घटना का असर ऋषिकेश से होकर बहने वाली गंगा में रंग परिवर्तन के रूप में साफ नजर आया। यहां गंगा के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। साथ ही पानी में सिल्ट और गाद की मात्रा भी बढ़ गई है। गंगा के बदलते रूप को देखते हुए पुलिस प्रशासन में जल पुलिस और एसडीआरएफ को सतर्क कर दिया है।

बीते बुधवार की सुबह जनपद चमोली में हिमस्खलन के बाद ऋषि गंगा में उफान आ गया था। दो डैम इसकी चपेट में आ गए थे। आज भी घटनास्थल और आसपास राहत कार्य चल रहे हैं। घटना के रोज ही ऋषिकेश हरिद्वार मैदानी क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया था।

यहां सोमवार और बुधवार को गंगा को देखने के लिए काफी भीड़ नजर आई। सभी को यह आशंका थी कि जल प्रलय का पानी जब यहां पहुंचेगा तो तटों में जलभराव होगा। यही कारण रहा कि तट पर रहने वाले तमाम बस्तियों को खाली करा दिया गया। त्रिवेणी घाट और अन्य घाटों पर आमजन का प्रवेश रोक दिया गया था।

मंगलवार के बाद स्थिति बिल्कुल सामान्य हो गई थी। बुधवार की दोपहर करीब 1:00 बजे ऋषिकेश में गंगा का जल रंग बदलने लगा, इतना ही नहीं इसमें सिल्ट और गाद की मात्रा भी बढ़ गई। इस नजारे ने यहां सभी को मानसून सत्र की याद दिला दी। जब गंगा इस रूप में नजर आती थी।

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक बुधवार दोपहर एक बजे यहां गंगा का जलस्तर 336. 75 था। दोपहर 1:00 बजे जल स्तर 336.94 तक पहुंच गया। जल आयोग के मुताबिक टिहरी बांध से जब भी पानी छोड़ा गया तो यहां गंगा के रंग में कोई परिवर्तन नहीं आया था। किंतु आज गंगा के रंग में साफ परिवर्तन देखा जा रहा है।

बताया गया है कि श्रीनगर डैम से सुबह करीब 9 बजे पानी छोड़ा गया था। वहां जल प्रलय के बाद पानी समाया था। यही संभावना है कि यहां डैम से छोड़ा गया पानी इस बदले रूप में सामने आया है। गंगा में जलस्तर को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने यहां तैनात जल पुलिस, आपदा प्रबंधन दल और एसडीआरएफ को सतर्क किया है। वर्तमान में यहां स्थिति सामान्य है।

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