चारधामः व्यवस्था बनाने में प्रशासन के छूट रहे पसीने

देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर यात्रियों में जबरदस्त उत्साह है, लेकिन व्यवस्था बनाने में प्रशासन को पसीने छूट रहे हैं। खासकर, आफलाइन पास की व्यवस्था चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। आफलाइन पास की संख्या बेहद सीमित है और पड़ावों पर यात्रियों का जमावड़ा अधिक। ऐसे में रोजाना ही यात्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच नोक-झोंक हो रही है।

चारधाम केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या तय है। इसी के हिसाब से यात्रियों को धामों में भेजा जा रहा है। यात्रा के लिए देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ई-पास जारी करता है। 15 अक्टूबर तक के लिए 70 हजार ई-पास बुक हुए हैं। इस बीच चारधाम के यात्रा पड़ावों पर रोजाना ही बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, लेकिन वे धामों में नहीं जा पा रहे।

असल में अन्य राज्यों से उत्तराखंड में आने के लिए उन व्यक्तियों को कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट से छूट दी गई है, जिन्होंने कोराना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं। वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र न होने पर संबंधित व्यक्ति के पास कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट होना आवश्यक है। साथ ही देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण भी अनिवार्य किया गया है। देवस्थानम बोर्ड की ओर से जारी किए जाने वाले ई-पास में भी यही दस्तावेज अपलोड किए जाते हैं। ऐसे में गफलत की स्थिति भी पैदा हो रही है।

राज्य में पर्यटन के मद्देनजर आने वाले लोग चारधाम में जाना चाहते हैं, लेकिन तय व्यवस्था के तहत वहां निर्धारित संख्या में ई-पास धारकों को ही भेजा जा सकता है। हालांकि, शासन ने व्यवस्था दी है कि जिन व्यक्तियों ने चारधाम के लिए ई-पास बुक कराए हैं और वे किसी कारणवश नहीं पहुंच पा रहे तो उनके स्थान पर अन्य व्यक्तियों को आफलाइन पास जारी किए जाएं। आफलाइन पास डीएम के स्तर से जारी किए जा रहे हैं, मगर इनकी संख्या 20 से 50 के बीच ही है।

सूरतेहाल, प्रशासन को उन व्यक्तियों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें आफलाइन पास नहीं मिल पा रहे। कुछेक स्थानों पर अधिकारी ये कहकर अपना पिंड छुड़ा रहे कि ऊपर से आफलाइन पास जारी करने पर रोक लगा दी गई है।

उधर, देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि बोर्ड ने आफलाइन पास जारी करने पर कोई रोक नहीं लगाई है, लेकिन आफलाइन पास की संख्या बेहद सीमित है। उन्होंने यह भी बताया कि देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट में ई-पास के मद्देनजर निरस्तीकरण का विकल्प भी दिया गया है।

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