चारधाम या़त्राः केदारनाथ 27 और यमुनोत्री 31 मई तक पैक

ऋषिकेश : सरकार की ओर से जारी वेबसाइट पर आनलाइन-आफलाइन सभी जगह स्लाट की जानकारी ली जा सकती है। रास्ते में किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी है। यमुनोत्री के लिए 31 मई और केदारनाथ के लिए 27 मई तक दर्शनों की बुकिंग फुल हो चुकी है।

इस वर्ष चारधाम दर्शनों को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। इसे देखते हुए शासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। पंजीकरण के साथ ही उन्हें चारधाम में दर्शनों की तिथि से भी अवगत कराया जा रहा है।

पंजीकरण करने वाली संस्था एथिक्स इन्फोटेक के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रेम अनंत ने बताया कि रविवार शाम सात बजे तक की स्थिति के अनुसार यमुनोत्री जाने वाले जिन श्रद्धालुओं ने पंजीकरण नहीं कराया है, वे 31 मई के बाद ही धाम में दर्शन कर पाएंगे। जबकि, केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को 27 मई के बाद दर्शनों की तिथि मिल पाएगी। पंजीकरण काउंटर के जरिये भी श्रद्धालुओं को इस संबंध में जानकारी दी जा रही है।

बिना पंजीकरण चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों पर सरकार ने और सख्ती करनी शुरू कर दी है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब बिना पंजीकरण यात्रियों को ऋषिकेश से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। इन्हें जिला प्रशासन द्वारा चारधाम यात्रा मार्ग पर बनाई गई चेकपोस्ट से वापस भेज दिया जाएगा।

शासन ने देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि रजिस्ट्रेशन की उपलब्धता की जांच करने के बाद ही यात्रा शुरू करें। चारधाम यात्रा शुरू करने से पहले सरकार द्वारा जारी हेल्थ एडवाजरी का अध्ययन व अनुपालन करें।

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुखद व सुरक्षित हो, इसके लिए विभिन्न धामों की क्षमता के अनुरूप ही पंजीकरण की एक निश्चित सीमा निर्धारित की गई है। बिना पंजीकरण कराए उत्तराखंड पहुंचने वाले यात्रियों को पंजीकरण उपलब्ध न होने की दशा में ऋषिकेश से आगे नहीं जाने दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिन तिथियों में निर्धारित सीमा तक पंजीकरण हो चुका है, उन तिथियों के लिए कोशिश न करते हुए उपलब्ध तिथियों पर ही पंजीकरण कराया जाए। पंजीकरण https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ पर कराया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने से पहले तीर्थयात्रियों को अपने स्वास्थ्य की पूर्ण जांच करानी चाहिए, ताकि उच्च हिमालयी क्षेत्र में भौगोलिक परिस्थितियों के कारण किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े। इन स्थानों पर तीर्थयात्रियों को अत्यधिक ठंड, अत्यधिक अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और कम आक्सीजन की मात्रा प्रभावित कर सकती है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा हेल्थ एडवाइजरी जारी की गई है। इसे विभाग की अधिकारिक वेबसाइट https://health.uk.gov.in/ के अलावा यूटीडीबी की फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर व यू-ट्यूब पर देखा जा सकता है।

चारधाम यात्रा में लगातार बढ़ रही यात्रियों व वाहनों की संख्या सरकार व शासन की मुश्किलें बढ़ा रही है। चारों धाम के लिए प्रतिदिन आने वाले यात्रियों की संख्या को नियंत्रित करने के बाद अब व्यावसायिक यात्री वाहनों में भी ट्रिप कार्ड जारी करने पर सख्ती करने की तैयारी है।

इस कड़ी में अब वाहनों को ट्रिप कार्ड जारी करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि इसमें केवल वही सवारियां शामिल हों, जिनके दर्शन करने की तिथि अगले दो दिनों के भीतर हो। इससे यात्रा मार्ग पर भीड़ नियंत्रित की जा सकेगी।

प्रदेश में चारधाम यात्रा तीन मई, यानी 12 दिन पूर्व ही शुरू हुई है। इस अवधि में यात्रा ने पुराने सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। अभी तक चारधाम में पांच लाख से अधिक यात्री दर्शन कर चुके हैं। औसतन हर दिन तकरीबन 40 से 50 हजार यात्री इस समय चारों धाम के दर्शन कर रहे हैं। यह संख्या चारधाम में यात्रियों को वहन करने की क्षमता से अधिक है। यात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण यात्रा मार्ग पर इंतजाम कम करने पडऩे लगे हैं।

ऐसे में अब प्रदेश सरकार ने यात्रा को नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी है। साथ ही पंजीकरण अनिवार्य करते हुए पंजीकृत यात्रियों को ही यात्रा पर भेजा जा रहा है। अभी एक बात यह देखने में आ रही है कि पंजीकृत यात्री दर्शन की तय तिथि से कई दिन पहले ही चारों धामों के लिए रुख कर रहे हैं।

व्यावसायिक वाहन इन्हें ले भी जा रहे हैं। इससे यात्रियों की संख्या चारधाम मार्ग पर कम नहीं हो पा रही है। इससे यात्रा मार्ग में यात्रियों को ठहरने व रहने खाने की सुविधा कम पडऩे की आशंका है।

परिवहन विभाग यात्रा पर जाने वाले व्यावसायिक वाहनों को ट्रिप कार्ड जारी कर रहा है। इसमें पंजीकृत यात्रियों की सूची, दर्शन की तिथि व उनके निवास स्थान के संबंध में जानकारी होती है। भीड़ को देखते हुए अब परिवहन विभाग वाहनों में केवल उन्हीं यात्रियों के लिए ट्रिप कार्ड जारी करने की व्यवस्था कर रहा है, जिनके दर्शन की तिथि एक अथवा दो दिन के भीतर पड़ेगी।

जो यात्री दर्शन की तय तिथि से इस अवधि से पहले यात्रा करने आ रहे हैं, उन्हें ऋषिकेश, हरिद्वार अथवा देहरादून में ही रुकना पड़ेगा। इसके लिए परिवहन विभाग साफ्टवेयर में बदलाव भी कर रहा है। संयुक्त आयुक्त परिवहन एसके सिंह ने कहा कि यात्रा को नियंत्रित करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। यात्रियों को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े, इसलिए ट्रिप कार्ड जारी करने के नियम सख्त किए जा रहे हैं।

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