चारधाम यात्रा: व्यवसायियों के खिले चेहरे

उत्तरकाशी : चारधाम व्यवसायियों को उम्मीद है कि इस बार की यात्रा आपदा और कोरोना के जख्म मिटा देगी और दो वर्ष के सन्नाटे को भी तोड़ देगी। इस वर्ष उत्तराखंड की चारधाम यात्रा तीन मई से शुरू होगी।

तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन मां यमुनोत्री और मां गंगोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेंगे। केदारनाथ धाम के कपाट इस बार छह मई को खुलेंगे। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट इस बार आठ मई को खुलेंगे। चारों धामों के कपाट खुलने के शुभ मुहूर्त भी तय हो गए हैं।

चारधाम यात्रा मार्ग पर यहां के स्थानीय ग्रामीणों व व्यवसायियों की आर्थिकी यात्रा पर ही टिकी हुई है। उत्तरकाशी जनपद की बात करें तो यमुना घाटी में सात हजार ग्रामीण घोड़ा-खच्चर संचालन से जुड़े हैं। जबकि होटल व्यवसाय से बड़कोट से लेकर यमुनोत्री तक आठ हजार से अधिक ग्रामीण जुड़े हैं।

इसी तरह से डंडी-कंडी संचालकों की संख्या भी तीन हजार और यमुनोत्री में तीर्थ पुरोहितों की संख्या एक हजार से अधिक है। गंगोत्री धाम से भी करीब 25 हजार परिवार जिनमें होटल संचालक व कर्मचारी, तीर्थ पुरोहित, पूजन सामग्री विक्रेता, ट्रेवल एजेंसी संचालक हैं। लेकिन, वर्ष 2012 व वर्ष 2013 की आपदा ने चारधाम यात्रा बुरी तरह से प्रभावित किया।

फिर कुछ वर्ष 2017 से लेकर 2019 तक यात्रा कुछ पटरी पर लौटी। लेकिन, 2020 और 2021 में तो कोरोनाकाल ने बुरी तरह से यात्रा को चौपट किया। लेकिन, दो वर्ष के सन्नाटे के बाद इस बार उम्मीद है कि यात्रा अच्छी चलेगी।

उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने कहा कि होटल व यात्रा से जुड़े व्यवसायियों ने अपने प्रतिष्ठानों की मरम्मत, रंगाई पुताई करानी शुरू कर दी है। उत्तरकाशी की गंगा घाटी में 600 और यमुना घाटी में 400 होटल हैं।

कोरोना के दो साल बाद सूने पड़े होटल में अच्छी संख्या में यात्रियों के पहुंचने की उम्मीद जगी है। कारण ये है कि तेजी से यात्रियों की बुकिंग हो रही है। इससे व्यवसायियों को कोरोना की मार से उभरने का मौका मिला है।

गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित रजनीकांत सेमवाल कहते हैं कि जब यात्रा चलती है तो यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले गांवों के ग्रामीणों की आर्थिकी में भी सुधार आता है। परिवार के सदस्यों को होटल, धर्मशाला सहित अन्य स्थानों पर रोजगार मिलता है।

गांव से दूध, दही सहित गांव में उगने वाली साग-सब्जियां भी बिकती हैं। जिस तरह तीर्थ यात्रियों की फीडबैक आ रही है उससे उम्मीद है कि यात्रा पटरी पर लौटेगी।

गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार का कहना है कि चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन के लिए यात्रा से जुड़े सभी विभागों, संबंधित जिलाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों की समीक्षा बैठक की गई है।

25 अप्रैल तक सभी विभागों यात्रा संबंधी कार्य हर हाल में पूर्ण करने आदेश दिए गए हैं। खासकर चारधाम यात्रा की सड़क को सुचारू बनाए जाने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। जिससे यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो।

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