आ अब लौट चले, यहां नहीं मिलेगी रोटी!

नैनीताल। शहर में कोरोना संक्रमण के चलते हैं पर्यटन गतिविधियां ठप होने के साथ ही तमाम कारोबार चौपट हो गए हैं। ऐसे में शहर के समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने निर्माण कार्य कराने भी बंद कर दिए है। जिस कारण दिहाड़ी मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे बाहरी राज्यों के मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट गहराने लगा है। जिस कारण मजदूर अपने घरों को लौटने लगे हैं। मजदूरों का कहना है कि पिछले साल लॉकडाउन होने के चलते उन्हें पैदल अपने राज्यों को जाना पड़ा था। इस साल एक बार फिर वही हालात सामने आ रहे हैं।

शहर में कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। ऐसे में तमाम पर्यटन गतिविधियां तो पहले ही चौपट हो गई है। वहीं अब शहर और समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने निर्माण कार्य कराने भी बंद कर दिए हैं। जिस कारण सैकड़ों दैनिक दिहाड़ी मजदूरों के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया हो गया है।

रविवार को कोविड की संभावना के चलते सिर में सामान रख बिहार मूल के चार मजदूर घरों को लौटने के लिए निकल पड़े। बिहार के पुनिया, बेतिया, मोतिहारी क्षेत्र निवासी मो नरउद्दीन, मो शब्बीर, मो आलम, मो मजहर ने बताया कि बीते वर्ष लॉकडाउन लगने के बाद जब कामकाज ठप हो गया तो खाने के भी लाले पड़ गए थे। कुछ दिनों तक तो प्रशासन और शहर के लोगों द्वारा राशन मिला तो किसी तरह गुजारा चलाया। लॉकडाउन में कुछ राहत मिलने के बाद आखिरकार उन्हें पैदल ही अपने राज्यों की ओर लौटना पड़ा।

अभी शहर में पहुंचकर काम करते हुए छह माह भी नहीं बीते थे कि दोबारा फिर से लॉकडाउन की संभावना बन रही है। ऐसे में कहीं दोबारा पैदल ही अपने घरों को ना जाना पड़े। इसलिए अभी से घर लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी गांव में धान की कटाई का भी समय चल रहा है। यहां कामकाज नहीं होने से कोई आमदनी नहीं हो रही है। तो गांव जाकर ही फसल काटकर कुछ आमदनी कर लेंगे।

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