संकट: चमगादड़ों में मिले कोरोना वायरस के 24 नए रूप !

उदय दिनमान डेस्कः कोरोना वायरस के उदय को लेकर दुनिया भर में बहस तेज है। चीन कई महाशक्तियों के निशाने पर है हालांकि डब्ल्यूएचओ ने अब तक इस पर कोई राय कायम नहीं की है। इस सब के बीच चीन में मिले इन नए 24 स्वरूपों के सामने आने से चीन पर दबाव और बढ़ना तय है। डेढ़ साल पहले कोविड-19 का पहला मामला चीन के वुहान में मिला था। इसके बाद यह इतनी तेजी से फैला और वैश्विक महामारी का रूप ले लिया। लेकिन अब तक इसके स्रोत को लेकर बहस जारी है। कुछ देश और उसके वैज्ञानिक इस बात की मांग तक कर रहे हैं कि यह वायरस प्राकृतिक है या फिर इसे वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी में तैयार कर दुनिया में फैलाया गया।

जर्नल सेल में प्रकाशित इस शोध में शेनडॉन्ग विश्वविद्यालय के चीनी शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्हें मिले 24 नए कोरोना वायरस जीनोम से साफ है कि चमगादड़ों में कई तरह के कोरोना वायरस हैं और ये अलग अलग तरह से लोगों में फैलते हैं। ये जीनोम चमगादड़ों की अलग अलग प्रजातियों से मिले हैं।दुनियाभर में कोविड-19 का उदय चीन से होने की छिड़ी बहस के बीच अब एक और नई आफत सामने आ गई है। चीनी शोधकर्ताओं को दक्षिण पश्चिमी चीन के चमगादड़ों में कोरोना वायरस के 24 नए जीनोम मिले हैं। शोधकर्ताओं ने मई 2019 से नवंबर 2020 के बीच जंगलों में पाये जाने वाले छोटे चमगादड़ों के नमूने लेकर उनकी जांच शुरू की थी।

इनके मल, मूत्र और मुंह से लिए गए नमूनों की बारीकी से जांच करने पर एक जीनोम ऐसा मिला जो कि बिलकुल सार्स-कोव-2 की तरह है। यह अब तक पाये गए तमाम जीनोम में से सार्स कोव 2 के सबसे करीबी स्ट्रेन है बस इसके स्पाइक प्रोटीन जैसे कुछ आनुवांशिक अंतर हो सकते हैं।

शोधकर्ताओं ने इन नए 24 जीनोम के मिलने के बाद आशंका जताई है कि कोरोना महामारी का संकट थमने की उम्मीद फिलहाल बहुत कम है। पिछले साल जून में थाईलैंड से मिले स्वरूप और अब बिलकुल मिलते जुलते जीनोम के सामने आने से साफ है कि सार्स कोव 2 वायरस चमगादड़ों में लगातार फैल रहा है और कुछ इलाकों में इसकी गति काफी तेज है।

अमेरिका और चीन के शीर्ष राजनयिकों के बीच कोरोना वायरस के उदय और मानवाधिकारों समेत कई मुद्दों पर तकरार तेज हो गई है। बीजिंग का दावा है कि वॉशिंगटन अपनी खुन्नस के चलते कोरोना वायरस उदय की बहस को राजनीतिक रंग दे रहा है। चीन ने कहा, अमेरिका उसके अंदरूनी मामले में दखल न दे। चीन के वरिष्ठ विदेश नीति सलाहकार यांग जियची ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से शुक्रवार को फोन पर बात की। इस दौरान दोनों के बीच कोरोना वायरस, हांगकांग की आजादी, उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकारों समेत कई मुद्दों पर बात हुई।

यांग ने इस दौरान कोरोना वायरस के चीनी लैब में बनाये जाने की खबरों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा, हम महामारी की आड़ में चीन पर दोष मढ़ने की सभी कोशिशों की निंदा करते हैं। अमेरिका पूरी ताकत से इस झूठी धारणा को सही साबित करने पर तुला है।

अमेरिका को विज्ञान और साक्ष्यों का सम्मान करते हुए इस तरह के झूठ को फैलाने से बचना चाहिए। इस पर ब्लिंकन ने चीन को मानवजाति के हित में इस महत्वपूर्ण काम में पारदर्शिता दिखाने और सहयोग करने की नसीहत दी। कोरोना का उदय पता चलने से इसे रोकने में मदद मिलेगी लेकिन चीन इसमें अड़ंगा लगाकर मानवता के खिलाफ काम कर रहा है।

चीन के शोधकर्ताओं ने चमगादड़ों में कोरोना वायरस के न्यू बैच का पता लगाने का दावा किया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इन नए कोरोना वायरसों में से एक आनुवांशिक तौर पर कोविड-19 के बेहद करीब हो सकता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, दक्षिण पश्चिम चीन में कोरोना वायरस की नई खोज से पता चलता है कि चमगादड़ों में कई प्रकार के कोरोना वायरस हो सकते हैं, जो इंसानों को भी संक्रमित कर सकते हैं.

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, शान्डोंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा है कि अलग-अलग प्रजाति के चमगादड़ों से हमने 24 तरह के नोवेल कोरोना वायरस एकत्रित किए हैं. इनमें चार वायरस सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) जैसे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ये नमूने मई 2019 से नवंबर 2020 के बीच छोटे जंगलों में रहने वाले चमगादड़ों से इकट्ठा किए गए हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि रिचर्स के दौरान उन्होंने चमगादड़ों के पेशाब, मल की जांच के साथ ही मुंह के स्वैब के नमूने भी लिए हैं.

चीनी शोधकर्ताओं ने बताया कि एक वायरस जेनेटिक तौर पर सार्स-कोव-2 से बहुत मिलता जुलता है. दरअसल, सार्स-कोव-2 ही वो कोरोना वायरस है, जिसने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी शोधकर्ताओं का कहना है कि जून 2020 में थाईलैंड में मिले सार्स-कोव-2 वायरस को मिलाकर ये परिणाम साबित करते हैं कि चमगादड़ों में कोरोना वायरस का फैलाव बहुत ही ज्यादा और सघन है.

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के नए प्रकारों की खोज से जुड़ी ये रिपोर्ट उस समय सामने आई है, जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की अगुवाई में नए सिरे से जांच की मांग हो रही है. कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अब तक किए गए तमाम रिसर्च में भी इसके वुहान लैब में बनाए जाने के पक्ष में मजबूत साक्ष्य मिले हैं.

वैज्ञानिक यह भी मांग कर रहे हैं कि वुहान लैब से कोरोना के लीक होने के दावों पर भी आगे जांच की जाएं और सत्यता का पता लगाया जाए. अमेरिका ने कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति और प्रसार के लिए सीधे तौर पर चीन को जिम्‍मेदार ठहराया है.

कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता करने के लिए एक बार फिर जांच की मांग की जा रही है. ज्यादातर देशों और विशेषज्ञों का मानना है कि ये वायरस चीन की वुहान लैब (Wuhan Lab) से निकला है. अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स में तो साफ कहा गया है कि चीन लंबे वक्त से ही वायरस बनाने का काम कर रहा है.

इसे ब्राजील के राष्ट्रपति ने बायो हथियार से लड़ा जाने वाला युद्ध भी करार दे दिया है और इसके लिए उन्होंने चीन को जिम्मेदार ठहराया है. अब एक ऐसी खबर आई है जिससे इन सभी दावों को बल मिल रहा है. चीन में 24 तरह के कोरोना वायरस मिलने का दावा किया गया है.

चीन के शोधकर्ताओं को चमगादड़ में 24 तरह के कोरोना वायरस मिले हैं. जिनमें से कई कोविड-19 जैसे हैं. ये खोज चीन के युन्नान प्रांत में की गई है. इसमें पता लगाया है कि एक चमगादड़ में आखिर कितनी तरह के कोरोना वायरस होते हैं और ये कैसे लोगों और अन्य जंगली जानवरों को संक्रमित करते हैं. साल 2019 के आखिर में चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ था, जिसने तेजी से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया और इससे लाखों लोगों की मौत हो गई है.

इस शोध के तहत शोधकर्ताओं ने मल के 283 नमूने, लार के 109 नमूने और यूरीन के 19 नमूने एकत्रित किए. ये नमूने उस जंगल और क्षेत्रों से एकत्रित किए गए, जहां चमगादड़ रहते हैं. नमूने मई 2019 से लेकर नवंबर 2020 के बीच एकत्रित किए गए हैं.अब इसे लेकर जरनल सेल में एक शोध प्रकाशित हुआ है. जिसपर शांडोंग यूनिवर्सिटी के चीनी शोधकर्ता का कहना है, ‘चमगादड़ की अलग-अलग प्रजाति से कुल मिलाकर 24 तरह के नोवेल कोरोना वायरस जीनोम का पता चला है. जिनमें से चार SARS-CoV-2 के जैसे हैं.’

चीनी शोधकर्ता ने कहा कि एक वायरस SARS-CoV-2 से काफी ज्यादा मिलता जुलता है, ये वही वायरस है जो वर्तमान कोविड-19 महामारी के पीछे का कारण है. स्पाइक प्रोटीन पर जीनोम के अंतर को छोड़कर यह SARS-CoV-2 का सबसे निकटतम रूप है.इनका कहना है कि ये साफ हो गया है कि चमगादड़ों में कई तरह के कोरोना वायरस होते हैं और ये इंसानों में फैल जाते हैं. इससे पहले एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि 2012 में चीन की एक गुफा में 9 तरह के कोरोना वायरस मिले थे. इसपर बैट वुमन शी झेंगली ने लंबी रिसर्च की थी.

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