कर्ज में डूबा श्रीलंका

कोलंबो : चीन के कर्ज में डूबे श्रीलंका को सबसे बड़ी मदद भारत से मिल रही है। खुद श्रीलंका इस बात को स्वीकार कर रहा है। श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने बुधवार को कहा कि भारत की ओर से तैयार किया गया आर्थिक रोडमैप अपने पड़ोसी द्वीप देश पर बढ़ते कर्ज संकट को कम करने की ओर ध्यान देता है। इससे दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी को दूर किया जा सकेगा और देश में बढ़ती चीनी गतिविधियों की चिंताओं भी कम करने में मदद मिलेगी।

मिलिंडा ने कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन के प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं और भारत इस प्रक्रिया की अहम कुंजी बनने जा रहा है। इस बातचीत से एक दिन पहले ही भारत ने श्रीलंका को पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद में मदद करने के लिए 500 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि एक बार हम बिजली जैसे अहम क्षेत्रों में काम करना शुरू कर देते हैं, जिसमें भारत हमेशा से ही सहयोगी रहा है, बाकी चिंताएं अपने आप खत्म हो जाएंगी।

मिलिंडा ने कहा कि हमें प्लान के साथ आगे बढ़ना चाहिए, दृढ़ रहना चाहिए और बाकी चीजें खुद-ब-खुद हो जाएंगी। उच्चायुक्त ने कहा कि पेट्रोलियम और गैस, बिजली, बंदरगाह और कनेक्टिविटी, निर्यात, विनिर्माण और पर्यटन सहयोग के लिए प्रमुख क्षेत्र हैं, जो संबंधों को सार्थक तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग चीनी कर्ज को श्रीलंका के आर्थिक संकट के रूप में देखते हैं। मौजूदा आर्थिक संकट सालों से अधिक खर्च करने का नतीजा है और इसके लिए किसी दूसरे देश को दोषी ठहराना बेबुनियाद है।

मिलिंडा ने कहा कि मेरे हिसाब से सबसे बड़ी बात यह है कि भारत हमारी अर्थव्यवस्था की कुंजी है। भारत हमें इससे बाहर आने में मदद करेगा। रिकवरी के लिए श्रीलंका का मुख्य आर्थिक क्षेत्र पर्यटन होगा और भारत इसका सबसे बड़ा बाजार है। भारत सरकार पिछले साल इस बात को लेकर चिंतित थी कि श्रीलंकाई सरकार चीनी परियोजनाओं पर तेजी से काम कर रही है।

कोलंबो बंदरगाह पर ईस्ट कंटेनर टर्मिनल (ईसीटी) के निर्माण के लिए भारत और जापान को समझौते से बाहर कर दिया गया था। अब श्रीलंका संकट से निपटने में सहायता के लिए भारत की ओर रुख कर रहा है जिसके बात चीजें ठीक होती दिख रही हैं। द्विपक्षीय ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले त्रिंकोमाली टैंक फार्म को विकसित करने के लिए प्रस्तावित समझौते को श्रीलंका ने इस महीने की शुरुआत में मंजूरी दी थी।

मिलिंडा ने कहा कि अगले महीने कोलंबो बंदरगाह के पश्चिमी कंटेनर टर्मिनल (डब्ल्यूसीटी) पर भी काम शुरू होने की उम्मीद है जिसे अडानी ग्रुप विकसित कर रहा है। श्रीलंका के वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे ने हाल ही में विदेश मंत्री को आश्वासन दिया था कि कोलंबो कई क्षेत्रों में भारतीय निवेश के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करने के लिए काम करेगा।

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