हरिद्वार। हाड कंपकंपाती ठंड के बीच सोमवती अमावस्या स्नान को हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर अल सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। हर-हर गंगे और जय मां गंगे के उद्घोष के बीच पुण्य की डुबकी लगाने वालों में महिला पुरुष बच्चे और बुजुर्ग सभी शामिल रहे।
हालांकि, चुनावी वर्ष होने के कारण और सीमा पर इस वजह से हो रही सघन जांच के चलते बाहर से आने वालों की भीड़ अपेक्षाकृत काफी कम नजर आई। इसका एक कारण स्नान की उदया तिथि के दोपहर बाद होना भी रहा।
श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान करने के बाद गंगा पूजन और सूर्य देवता को अर्घ्य चढ़ाने के साथ ही दान-दक्षिणा देकर पुण्य कमाया। हरकी पैड़ी और उसके आसपास के क्षेत्र के मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। गंगा स्नान के बाद मंदिर पूजन और प्रक्रम का दौर भी चल रहा है।
कल एक फरवरी को मौनी अमावस्या का स्नान पर्व है। इस बार जिला प्रशासन ने हरकी पैड़ी समेत किसी भी गंगा घाट पर स्नान के लिए कोई पाबंदी नहीं लगाई है। हालांकि, सोमवती अमावस्या उदया में नहीं आ रही है। ऐसे में स्नान को लेकर दोपहर बाद ही श्रद्धालुओं के हरिद्वार आने की संभावना है।
बार्डर पर नियमित चेकिंग चलती रहेगी। बॉर्डर पर दोनों डोज का सर्टिफिकेट दिखाने या 72 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही प्रवेश करने दिया जाएगा। मकर संक्रांति पर हरिद्वार में गंगा स्नान पर जिला प्रशासन ने पाबंदी लगा दी थी।
इस बार जिला और पुलिस प्रशासन ने ऐसी कोई पाबंदी नहीं लगाई है। अमावस्या ढाई बजे के बाद शुरू होगी। ऐसे में सुबह के समय भीड़ अपेक्षाकृत कम रही। है।
एसएसपी हरिद्वार डा योगेंद्र कुमार रावत ने बताया कि सोमवती अमावस्या के स्नान को लेकर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। बार्डर पर नियमित चेकिंग पहले से चल रही है, जिसमें डबल डोज का सर्टिफिकेट दिखाने या आरपीटीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही जिले में एंट्री दिए जाने की व्यवस्था है।
सीमा पर तात्कालिक तौर पर कोरोना टेस्ट के एंटीजन टेस्ट की भी व्यवस्था पहले से चल रही है। करोना नियम का पालन करने के अनिवार्यता सभी पर लागू है।