भारी बारिश से बाढ़ के हालात, बचाए गए 5000 से अधिक लोग

अहमदाबाद. गुजरात (Gujarat Floods) के जामनगर (Jamnagar) और राजकोट (Rajkot) में पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश (Heavy Rain) हो रही है. इससे इलाके की नदियां उफान पर हैं. हालात यह हैं कि सड़कों पर काफी पानी भर गया है. दोनों ही शहरों में बाढ़ जैसे हालात हैं. ऐसे में लोगों को सुरक्षित स्‍थानों पर पहुंचाया जा रहा है.

राजकोट और जामनगर जिलों में पिछले दो दिन में भारी बारिश हुई है और बाढ़ में फंसे हुए 200 से अधिक लोगों को बचाया गया जबकि दोनों जिलों में सात हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. अब तक सिर्फ जामनगर में 5000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्‍थान पर भेजा जा चुका है.

गुजरात के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) ने जामनगर जिले के प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बाढ़ प्रभावित लोगों को मदद का आश्वासन दिया. बाढ़ के कारण जामनगर में एक राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा सौराष्ट्र क्षेत्र के राजकोट, जामनगर और जूनागढ़ जिलों से गुजरने वाले 18 राज्य राजमार्ग बंद कर दिए गए, जिससे यातायात प्रभावित हुआ. उन्होंने बताया कि भारी बारिश के बाद कई गांवों का संपर्क सड़कों से टूट गया है.

अधिकारियों ने बताया कि फोफल नदी पर बना हुआ एक पुल गिर गया, जिससे राजकोट जिले में कंडोरना और गोंडल को जोड़ने वाली सड़क बंद हो गई. राजकोट और जामनगर में सोमवार को रातभर बारिश के बाद मंगलवार को दोनों जिलों में बारिश कुछ कम हुई, जबकि पड़ोसी जूनागढ़ जिले में दिन में भारी बारिश हुई.

भारी बारिश से बुरी तरह प्रभावित दोनों जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों की ओर से चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्यों में मदद के लिए भारतीय वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल को बुलाया गया है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार राजकोट के लोधिका तालुका में मंगलवार सुबह छह बजे समाप्त 24 घंटे की अवधि के दौरान राज्य में सबसे अधिक 516 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई है.

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने जामनगर जिले के कई स्थानों में फंसे हुए 22 लोगों को बचाया. जिले में कुल 150 लोगों को बचाया गया. वायुसेना ने राजकोट में भी सात ग्रामीणों को बचाया जबकि जिले में कुल 56 लोगों को बचाया गया है.

राजकोट के जिलाधिकारी अरुण महेश बाबू ने कहा, ‘नौसेना की एक टीम सोमवार को राजकोट में पानी के तेज बहाव में कार के बह जाने के बाद लापता हुए दो लोगों की तलाश के लिए अभियान में मदद कर रही है.’ उन्होंने कहा, ‘एसडीआरएफ की दो टीमों को गोंडल और लोधिका तालुका में तैनात किया गया है.’ उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 1,467 और शहरी क्षेत्रों से 600 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

जामनगर के जिलाधिकारी सौरभ पारधी ने कहा कि नौसेना और तटरक्षक बल की टीमों ने भी जामनगर प्रशासन को शहर में 150 से 160 लोगों को बचाने में मदद की, क्योंकि स्थानीय बचाव दल जल स्तर में वृद्धि के कारण वहां नहीं पहुंच पाए. गुजरात में मानसून के मौसम में सामान्य रूप से होने वाली बारिश इस बार 69.24 प्रतिशत ही हुई है.

मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक सीएम भूपेंद्र पटेल ने दिन में जामनगर का दौरा किया. पटेल ने स्थानीय सांसद पूनम मादम और राज्य के मुख्य सचिव पंकज कुमार के साथ सबसे पहले एक गांव का दौरा किया और वहां के लोगों से बात की. मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों को लेकर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे जामनगर जिले में 5,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और 800 से अधिक फंसे हुए लोगों को बचाया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायु सेना द्वारा जामनगर जिले के ग्रामीण इलाकों में 4,760 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और 144 लोगों को बचाया गया है. इसी तरह जामनगर शहर में 1,146 लोगों को कहीं और स्थानांतरित किया गया, जबकि 724 लोगों को बचाया गया. भोजन के लगभग 10,000 पैकेट वितरित किए गए.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बाढ़ के कारण बड़ी संख्या में पशु भी मारे गए हैं. स्वास्थ्य और स्वच्छता टीमों ने पहले ही जिले में अपना काम शुरू कर दिया है. सरकार नुकसान का सर्वेक्षण करेगी और उसके आधार पर मुआवजे की घोषणा करेगी.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *