गागली युद्ध: सदियों से चली आ रही है परंपरा

साहिया: जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र के अंतर्गत उदपाल्टा गांव में मनाएं जाने वाले पाइता पर्व की तैयारियां पूरी हो चुकी है। उदपाल्टा व कुरोली गांवों के बीच होने वाले गागली युद्ध को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचेंगे।

वहीं दूसरी ओर बम्बराड, कनबुआ, पंजिया, समोग सहित कई जगह पर स्थापित शिलगुर एवं बिजट देवताओं के मंदिरों में देव पालकियों के दर्शन श्रद्धालुओं को कराएं जाएंगे।

उदपाल्टा व कुरोली गांवों में रानी मुन्नी दो सगी बहनों दो की प्रतिमाओं को विसर्जित करने व गागली युद्ध को देखने हजारों की संख्या में लोगों आते हैं। पिछले साल कोरोना महामारी के कारण पाइता पर्व नहीं मना पाए थे।

उदपाल्टा के पूर्व प्रधान सतपाल सिंह राय, राजेंद्र सिंह, पूरण सिंह, जालम सिंह सिंगाराम राय, नरेंद्र सिंह राय, अनील राय आदि लोगों का कहना है कि सदियों पूर्व से श्रापमुक्ति के लिए यह सब करना पड़ता है। जिसके लिए दोनों गांवों के लोगों को को गागली के डंडों को एक दूसरे पर मारना पड़ता है।

वहीं दूसरी ओर कनबुआ, समोग, बम्बराड, पंजिया आदि गांवों में शिलगुर एवं बिजट देवताओं की पालकियों को मंदिर से दर्शन के लिए बाहर निकाला जाएगा। यही नहीं श्रद्धालु देव दर्शन कर पुष्प लाभ कमाएंगे।

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