स्कूल में अचानक रोने, चिल्लाने और बेहोश होने लगीं छात्राएं

बागेश्वर : उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में एक बार फिर स्कूलों में छात्राओं के असामान्य व्याहार ने लोगों में हलचल पैदा कर दी है। कपकोट तहसील के लाल बहादुर शास्त्री इंटर कालेज में बुधवार के बाद गुरुवार को भी छात्राएं अचानक से चिल्लाने, रोने और बेहोश होने लगीं।

जिसके बाद स्कूल पहुंचे चिकित्सकों ने उनका उपचार किया। दो माह पहले भी जिले के स्कूल में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। कुछ स्थानीय लोगा इसे भूत प्रेत से भी जोड़कर देखते हैं। जबकि मनोचिकित्स इसे मास हीस्टीरिया बता चुके हैं।

बुधवार के बाद गुरुवार को भी वहां चार छात्राओं के अजीबो गरीब व्यवहार से दहशत मच गई। दस मिनट से लेकर चार घंटे तक वह बेहोशी रहीं। इसबीच बालिकाएं नाचने, अपने को नोंचने, पत्थर मारने, थूकने, कुर्सियां को तोड़ने और शिक्षकों को पीटने लगीं।

डाॅक्टरों की टीम बालिकाओं का उपचार कर रही है। काउंसिंग के दौरान निकल कर आया कि बालिकाएं तीन किमी पैदल चलकर आतीं हैं और वह भी भूखे पेट। ऐसी बालिकाओं को घर भेजा जा रहा है। शिक्षक और अभिभावक भी छात्राओं के व्यवहार से परेशान हैं।

बागेश्वर जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर अर्द्धशासकीय इंटर कालेज सनेती की छात्राएं नाचने लगती हैं। उनकी अजीबो-गरीब हरकतों से शिक्षक भी परेशान हैं। बीते बुधवार को आठ छात्राएं बेहोश थीं।

गुरुवार को चार छात्राएं फिर से नाचते लगीं। गुरुवार को पुलिस और डाक्टरों की टीम कालेज पहुंची। छात्राओं का उपचार किया। सामान्य व्यवहार में आने के बाद उनकी काउंसलिंग की गई।

बागेश्वर जिले में पिछले दो माह पहले भी इस तरह का मामला सामने आया था। जूनियर हाइस्कूल रैखोली में छात्राओं के असामान्य व्यवहार का मामला शांत होने के बाद लाल बहादुर शास्त्री इंटर कालेज में शुरू हो गया है।

दो माह पहले जब ऐसा मामला हुआ था तो काउंसिलिंग में सामने आया कि एक बच्ची के गांव में एक बुजुर्ग महिला की मौत फांसी लगाने से हो गई थी, जिसे उसने स्कूल आते वक्त देख लिया था। इससे वह डर गई साथ ही यह बात दोस्तों को शेयर भी किया। संभवत: यह डर मास हिस्टीरिया का रूप ले लिया हो।

मास हिस्टीरिया जम्हाई के जैसे होता है। एक को होने के बाद बॉडी अपने आप रियक्ट करना शुरू कर देती है। कुमाऊं में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पहले भी चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ समेत कई जगह ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। यह सब तीन-चार दिन से ज्यादा नहीं चलता। हालात फिर सामान्य हो जाते हैं।

नाम नहीं छापने की शर्त में अभिभावकों ने कहा कि भूत-प्रेत अंधविश्वास है। जिसे कुछ लोग फैलाने का काम कर रहे हैं। उनकी बेटियों के जीवन में इसका असर पड़ सकता है। उनकी बेटियां बीमार हैं। सरकार को उनका उपचार करना चाहिए। वह किसानी, पशुपालन आदि करते हैं।

लाल बहादुर शास्त्री इंटर कालेज सनेती के प्रधानाचार्य जानकी रावत ने कहा कि गुरुवार को भी चार छात्राएं अजीब हरकतें करनी लगी। पत्थर मारने लगी, एक शिक्षक को पीटने का प्रयास किया। घंटों तक वह इस तरह की हरकतें करतीं रहीं।

स्कूल के नजदीक एक सैतान का मंदिर है। अभिभावक कहते हैं कि घर में ठीक रहती हैं। स्कूल में आकर ही वह बेहोश हो रही हैं। सरकार उनके उपचार की व्यवस्था करे। दसवीं से लेकर 12 वीं तक की कक्षाओं की ऐसे मामलों से प्रभावित हैं।

डिप्टी सीएमओ डा. हरीश पोखरिया ने कहा कि सुबह पांच बजे वह घर से पैदल चलकर काॅलेज आती हैं। लगभग तीन किमी पैदल चलना होता है। भोजन नहीं करतीं हैं। परीक्षा का समय है। वह तनाव में हैं।

जल्दबादी में परीक्षा पास करना चाहते हैं। अच्छे अंक भी लाने हैं। छात्राओं की काउंसलिंग की गई है। डाक्टरों की टीम कालेज में है। परिश्रम ही सफलता की कूंजी है। भूत-प्रेत जैसा कुछ नहीं है।

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