‘गुलाब जामुन’ के पेड़

नई दिल्ली:आपने वैसे तो खूब गुलाब जामुन खाए होंगे, शादियों, बर्थडे पार्टी या रेस्ट्रान्ट पर, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कई राज्यों में ऐसे पेड़ भी हैं, जहां गुलाब जामुन लगते हैं। जी हां, आपने सही पढ़ा! हम यहां मिठाई नहीं बल्कि एक तरह के फल की बात कर रहे हैं, जिसे गुलाब जामुन कहा जाता है।

इस फल का नाम गुलाब जामुन इसलिए रखा गया क्योंकि बताया जाता है कि इसका स्वाद बिल्कुल गुलाब जामुन की तरह ही होता है। यह अमरूद की तरह हल्का पीले-हरे रंग का होता है। यह फल पेड़ पर फरवरी में लगना शुरू हो जाता है और अप्रैल- मई तक खाने लायक हो जाता है। इसमें एक बड़ा बीज भी होता है।

इस फल के जानकर इसके बीजों को न फेंकने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कई औषधीय गुण होते हैं। फल के बीज का सेवन शरीर में नए सेल्स बनाने का काम करता है। इस फल के बीज का पाउडर ब्लड शुगर स्तर को कंट्रोल कर डायबिटीज़ में फायदा पहुंचाता है।

जिस तरह इस फल के बीज डायबिटीज में फायदा पहुंचाते हैं। उसी तरह गुलाब जामुन के पत्ते भी कम नहीं हैं। इसमें मौजूद गुण किसी भी तरह की डायबिटीज़ में फायदा पहुंचा सकते हैं। इसके लिए आपको पत्तियों को सुखाना है और फिर इनका पाउडर तैयार कर लेना है। इस पाउडर को गुनगुने पानी के साथ पी लें। इससे भी शगुर को कंट्रोल किया जा सकता है।

आपको बता दें कि यह फल खुशबू और स्वाद में बिल्कुल हलवाई की दुकान में मिलने वाले गुलाब जामुन की तरह का ही होता है। इस फल का यह पेड़ मुख्यत: उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बंगाल, राजस्थान में पाए जाते हैं।

इसके अलावा दक्षिण भारत उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों में भी कहीं-कहीं मिल जाते हैं। बाज़ार में यह 100 से 150 रुपए प्रति किलो तक बिक जाता है।

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