जलधारा में वृद्धि ने बढ़ाई चिंता

देहरादून:  आपदाग्रस्त जोशीमठ की जेपी कालोनी में फूटी जलधारा से पानी का प्रवाह फिर से बढऩे लगा है। इससे तंत्र की चिंता बढ़ा दी है। 48 घंटे में पानी का प्रवाह ढाई गुना बढ़कर 250 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) हो गया है।

जेपी कालोनी में दो जनवरी को फूटी जलधारा से निरंतर गादयुक्त पानी निकल रहा है। पहले दिन इसका प्रवाह 550 एलपीएम था। बुधवार को यह घटकर 100 एलपीएम पर आ गया था, लेकिन अब इसमें फिर से वृद्धि हुई है। यद्यपि, इसके पीछे कारण क्षेत्र में हुई बर्फबारी व वर्षा को माना जा रहा है।

सरकार ने जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों में से 130 को 36 किलोमीटर दूर पीपलकोटी में पुनर्वासित करने का निश्चय किया है। भूगर्भीय जांच में वहां की भूमि उपयुक्त पाई गई है। इस बीच पीपलकोटी के निवासियों के बीच वहां पुनर्वास को लेकर विरोध के सुर भी उभरे हैं।

सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार जल्द ही पीपलकोटी के निवासियों से बातचीत की जाएगी। उनकी बात सुनी जाएगी और यदि कोई आशंका है तो उसका निवारण किया जाएगा।

डा सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में बनाए गए राहत शिविरों में अब तक 259 परिवारों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है। इनकी कुल सदस्य संख्या 900 है। इनमें 10 साल से कम के 81 बच्चे भी शामिल हैं।

डा सिन्हा के अनुसार जोशीमठ में सर्वे चल रहा है। अभी तक ऐसे 863 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं, जिनमें दरारें पड़ी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भवनों में नई दरारें नहीं हैं, ये पुरानी हैं। जैसे-जैसे सर्वे हो रहा है, ऐसे भवनों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जो भवन खतरनाक हो चुके हैं, उन्हें भवन स्वामियों की सहमति से ही तोड़ा जाएगा।

कांग्रेस ने जोशीमठ में भूधंसाव समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भूमि में दरारों और भूस्खलन को लेकर विभिन्न विकास और निर्माण परियोजनाओं पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।

जोशीमठ और कर्णप्रयाग का बीते गुरुवार को दौरा कर लौटे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि अनियोजित और अनियंत्रित तरीके से किए जा रहे निर्माण कार्यों का प्रभाव दिखाई दे रहा है।

उन्होंने एनटीपीसी के कार्यों को रोकने पर बल दिया। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में करन माहरा ने विकास और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही परियोजनाओं को निशाने पर लिया।

बीते दिनों राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में सम्मिलित हुए प्रदेश के कुछ बुद्धिजीवियों की ओर से उठाए गए इस मुद्दे का माहरा ने उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को जोशीमठ समेत अन्य प्रभावित स्थलों के निरीक्षण को भेजा।

इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने यह भी बताया कि भूस्खलन एवं दरारों से प्रभावित कर्णप्रयाग, उत्तरकाशी, गोपेश्वर, पिथौरागढ़ समेत प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर कांग्रेस के नेता दौरा करेंगे। साथ ही आपदा की वजह बन रहे कारणों को उठाएंगे और इस पर रिपोर्ट भी तैयार करेंगे।

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने हिमालय को नई पर्वत श्रृंखला बताया है। इस क्षेत्र में विकास के नाम पर विनाश चिंता का विषय है। विकास और निर्माण कार्यों में वर्ष 2005 में यूपीए सरकार में बने आपदा संबंधी अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पीपलकोटी में जोशीमठ भूधंसाव प्रभावितों को बसाने के निर्णय को एकतरफा बताया। उन्होंने कहा कि जोशीमठ और कर्णप्रयाग में भूमि पर दरारों से प्रभावित परिवारों को टिहरी बांध विस्थापितों की भांति देहरादून में बसाया जाना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि जोशीमठ में आदि शंकराचार्य मठ में मुख्यमंत्री के साथ दिखाई दे रहे एक व्यक्ति को जबरन बैठाया गया है। कांग्रेस इसका विरोध करती है।

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