केदारनाथः यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह

रुद्रप्रयाग: पिछले साल की तरह इस बार भी केदारनाथ यात्रा को लेकर भक्‍तों में खासा उत्‍साह दिखाई दे रहा है। रोज हजारों यात्री बाबा के दर्शनों के लिए धाम में पहुंच रहे हैं। वह घंटों बर्फ के बीच खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। शनिवार 29 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक केदारनाथ धाम के लिए सोनप्रयाग से अभी तक 7500 यात्री रवाना हो चुके हैं। वहीं कई दिनों से चारधाम में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है।

बीते 16 मार्च से केदारनाथ में पल-पल मौसम बदल रहा है और बर्फबारी हो रही है। जिसे लेकर शासन प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सावधानी बरतने की सलाह दी है। कहा गया है कि मौसम को देखते हुए ही यात्री यात्रा का आने का कार्यक्रम बनाएं। अगर केदारनाथ में मौसम खराब रहता है तो वह अन्य धार्मिक व पर्यटक स्थलों की सैर करने के बाद ही वहां जाएं।

गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार ने कहा है कि चारधाम यात्रा को लेकर शासन और प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है, केदारनाथ यात्रा रोके जाने जैसी कोई बात नहीं है। ऋषिकेश चार धाम यात्रा संचालन केंद्र ट्रांजिट कैंप सहित चेकपोस्ट और धर्मशाला के माध्यम से श्रद्धालुओं को मौसम अलर्ट और यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। ऋषिकेश केंद्र में शीघ्र डिजिटल डिस्पले बोर्ड के जरिए यात्रियों को मौसम की जानकारी देने की व्यवस्था की जा रही है।

यात्रियों की सुरक्षा के लिए यात्रा मार्ग के संवेदनशील स्थानों एवं केदारनाथ धाम में सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस बल, डीडीआरएफ, एसडीआरएफ, वाईएमएफ की टीमों की तैनाती की गई हैं।इसके साथ ही किसी भी आपात स्थिति के लिए जिला आपदा परिचालन/यात्रा कंट्रोल रूम से संपर्क करें।

वहीं जिला पंचायत की ओर से केदारनाथ के 1600 डंडी-कंडी का पंजीकरण हुआ है। जबकि पैदल मार्ग पर करीब छह हजार घोड़ा-खच्चरों का संचालन हो रहा है। जिसमें पांच हजार सवारी घोडे़-खच्चर एवं एक हजार मालकवाहक घोडे़-खच्चर शामिल हैं। इसके अलावा 130 हाकरों का पंजीरण भी हो चुका है। सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड में घोडे़-खच्चरों का पंजीकरण की प्रक्रिया जारी है।

बता दें कि गत 25 अप्रैल से विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल चुके हैं। ऐसे में देश-विदेश से बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री भोले बाबा के दर्शनों को केदारनाथ धाम की यात्रा पर पहुंच रहे हैं। जिला पंचायत की ओर से सोनप्रयाग व गौरीकुंड में नियमित रूप से पंजीकरण व लाइसेंस बनाने का कार्य जारी है।

सोनप्रयाग में मालवाहक घोड़ा-खच्चर व हाकरों का पंजीकरण, जबकि गौरीकुंड में डंडी-कंडी एवं मजदूरों का पंजीकरण व लाइसेंस बनाने का कार्य चल रहा है। जिला पंचायत की ओर जनपद के विभिन्न स्थानों पर शिविर के माध्यम से पांच हजार सवारी घोडे़-खच्चरों के मेडिकल प्रमाण पत्र एवं बीमा के उपरान्त लाइसेंस निर्गत किए गए थे, जबकि सानेप्रयाग में 1000 माल वाहक घोडे़-खच्चरों का पंजीकरण किया गया। जिनका संचालन वर्तमान में यात्रा में हो रहा है।

इसके अलावा कंडी के लिए 1260, डंडी के 360 एवं हाकर के 130 लाइसेंस निर्गत किए जा चुके हैं। जिला पंचायत की ओर से घोडे़-खच्चर एवं डंडी-कंडी मजूदरों के लिए लाइसेंस फीस 400 रूपए, 40 रूपए बीमा एवं 214 रूपए टोकन फीस के रूप में लिए जा रहे हैं। जिससे जिला पंचायत की आय में इजाफा हो सके। यह लाइसेंस यात्रा के छह माह के लिए वैध होगा।

जिला पंचायत के कर अधिकारी गोविंद प्रसाद तिवारी ने बताया कि सोनप्रयाग व गौरीकुंड में लाइसेंस बनाने का सिलिसला जारी है। करीब 1000 माल वाहक घोडे़ खच्चर एवं 1620 डंडी-कंडी के लाइसेंस निर्गत किए जा चुके हैं। जिला पंचायत की यह प्रक्रिया लगताार जारी है। पंजीकरण टीम में कर निरीक्षक ज्ञानेन्द्र बगवाडी, दिनेश नौटियाल, बलवीर सिंह नेगी समेत अन्य स्टाप उपस्थित था।

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