हरिद्वार। इतिहास में पहली बार मेला पुलिस ने एक महीने का कुंभ संपन्न कराया। दिलचस्प बात यह है कि कुंभ मेला पुलिस के 23 थानों में महज नौ एफआइआर हुई। मेला अवधि में भगदड़, हिंसा जैसी कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई। सबसे खास बात यह है कि मेला पुलिस ने महज 12 करोड़ रुपये के किफायती बजट में सभी व्यवस्था कर 150 करोड़ सरकार को वापस लौटाए हैं।
हरिद्वार और प्रयागराज में कुंभ व अर्द्धकुंभ जनवरी से शुरू होकर अप्रैल तक संपन्न होते हैं। इसलिए मेला पुलिस एक जनवरी से मोर्चा संभालती आई है। लेकिन, इस बार कोविड-19 के चलते सरकार ने मेला अवधि घटाकर एक माह तय की थी। जिसका नोटिफिकेशन मार्च के आखिर में जारी हुआ।
हालांकि, अखाड़ों के लिहाज से कुंभ का शुभारंभ जनवरी में हो गया था। लेकिन, मेला पुलिस के लिए कठिनाई यह थी कि नोटिफिकेशन से पहले जनवरी, फरवरी और मार्च के स्नान कैसे संपन्न कराए। ऐसे में कुंभ के पहले हिस्से की कमान जिला पुलिस व प्रशासन ने मिलकर संभाली।
मेला पुलिस ने भरपूर सहयोग देकर शाही स्नान पर्व के लिए अनुभव हासिल किया। तमाम साजो सामान के साथ मेला पुलिस ने कई बार मॉक डिल कर धरातल पर अपनी तैयारियों को परखा। कुंभ मेला आइजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व में मेला पुलिस बेशक किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार रही। यह अलग बात है कि कोरोना के चलते श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित करने और अखाड़ों के बीच तालमेल बनाने के अलावा कोई बड़ी चुनौती पेश नहीं आई।
मेले में पुलिस की व्यवस्था के लिए सरकार ने 162 करोड़ रुपये मंजूर किए। मगर मेला पुलिस ने अपनी मितव्ययी कार्यशैली से पेट्रोल-डीजल से लेकर टीए-डीए तक की तमाम व्यवस्था महज 12 करोड़ रुपये में संपन्न कर दिखाई और 150 करोड़ रुपये लौटाकर कोरोना काल में सरकार को बड़ी राहत पहुंचाई।
हरिद्वार कुंभ के सभी शाही स्नान संपन्न होने के बाद मेला पुलिस के शाही स्नान की परंपरा रही है। पुलिस ने संतों व श्रद्धालुओं के लिए ही शाही स्नान प्रतीकात्मक रूप से संपन्न कराया, बल्कि खुद भी प्रतीकात्मक स्नान किया। आइजी कुंभ संजय गुंज्याल, मेला एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी, मेला एसपी सुरजीत सिंह पंवार, एएसपी मनोज कत्याल, सीओ प्रकाश देवली, सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह ने स्नान कर गंगा पूजन किया। मेलाधिकारी दीपक रावत, आइजी संजय गुंज्याल व मेला एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने कुंभ सकुशल, निर्विघ्न और सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न होने पर सभी अधिकारियों, जवानों को बधाई दी।
देश में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतों से कुंभ का अंतिम शाही स्नान प्रतीकात्मक रूप से करने की अपील की। अधिकांश संतों ने इस पर सहमति भी जता दी। लेकिन, मेला पुलिस की यह जिम्मेदारी थी कि प्रधानमंत्री की अपील को साकार कराए।
इसके लिए मेला आइजी संजय गुंज्याल ने हर अखाड़े के प्रमुख संतों से मुलाकात की और शाही स्नान पर संख्या कम से कम रखने का अनुरोध किया। पीएम की अपील और मेला पुलिस के अनुरोध का नतीजा यह रहा कि कुंभ का अंतिम शाही स्नान प्रतीकात्मक रूप से सकुशल संपन्न हुआ।