उदय दिनमान डेस्कः उत्तराखंड के पौराणिक मंदिरों के लिए प्रसिद्ध तीर्थनगरी ऋषिकेश में शिव का एक मंदिर ऐसा भी है जहां भगवान शिव की बारात रुकी थी। परमार्थ निकेतन के पीछे खड़ा यह सात मंजिला मंदिर भूतनाथ बाबा के मंदिर के नाम से जाना जाता है।
माना जाता है की जब शिवजी सती से विवाह करने के लिए बारात लेकर निकले थे तब सती के पिता दक्ष जी ने इसी भूतनाथ मंदिर में शिवजी और उनके बारातियों को रुकवाया था।
भूतनाथ मंदिर में अद्भुत है इसका मुख्य प्रांगण, जहां शिवलिंग के चारों तरफ दस घंटियां हैं। इन सभी घंटियों की अपनी अलग ही ध्वनि है। जब आप मंदिर में चढ़ना शुरू करेंगे तो आप देखेंगे कि हर एक मंजिल में नंदी, हनुमान और भगवान शिव से जुड़े देवी-देवताओं को दर्शाया गया है।
अंत में कई सीढ़ियों को हांफते हुए पार कर सातवीं और आखिरी मंजिल में जब आप पहुँचेंगे, तो वहाँ शिवजी का छोटा सा मंदिर है जहाँ मंदिर के पुजारी बैठते हैं। सातवीं मंजिल में जब आप भगवान शिव के दर्शन करेंगे तो इस छोटे से मंदिर में चित्रों के माध्यम से आप शिवजी की भूतों की बारात को भी देख सकेंगे।
साथ ही इतने ऊपर से जब आप तीर्थनगरी को देखेंगे तो यह अत्यंत अद्भुत दृश्य आपका मन मोह लेगा। भगवान शिव का यह भूतनाथ मंदिर तीन तरफ से राजाजी नेशनल पार्क से घिरा है!