देहरादून: शनिवार को माघ महीने की पूर्णिमा तिथि शुक्रवार तीन बजकर 49 मिनट से शुरू हो रही है जो शनिवार दोपहर एक बजकर 46 मिनट तक रहेगी। सुख, सौभाग्य, धन, संतान के लिए लोग व्रत रखेंगे।
हर महीने के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा तिथि होती है। इस तिथि के साथ नए माह की शुरुआत होती है। हिंदु धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। आचार्य डॉ. सुशांत राज के अनुसार वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं। जिसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है, लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का अपना अलग महत्व है। इस दिन लोग पवित्र नदियों और मुख्य रूप से गंगा नदी में स्नान करते हैं।
भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसके अलावा चंद्रमा की पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। माघ पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और व्रत का खास महत्व होता है। नदी में स्नान करने, दान, पुण्य करने का विधान है। मान्यता के अनुसार इस दिन जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य मिलता है।
सुबह उठकर व्रत का संकल्प लेकर पवित्र नदी में स्नान करें। यदि किसी कारण नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। इसके बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए अघ्र्य दें। पूजा स्थल पर भगवान कृष्ण या विष्णु की पूजा करें। इस व्रत में काले तिल व अन्य सामान दान कर पुण्य के भागीदार बन सकते हैं।
मान्यता के अनुसार माघ मास की पूर्णिमा के दिन से ही कलयुग की शुरुआत हुई थी। संगम तट पर महीनेभर से चल रहे कल्पवास की भी पूर्णता इसी खास दिन पर होती है। इस दिन चंद्रमा भी अपनी सोलह कलाओं से शोभायमान होते हैं। मान्यता के अनुसार पूर्ण चंद्रमा धरती पर अमृत वर्षा करते हैं, जिसका अंश नदियों, जलाशयों और वनस्पतियों पर पड़ता है जिससे उनको नवजीवन की प्राप्ति होती है।