देहरादून। मोतीचूर रेंज के रेंजर ने उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश का मान अंतरराष्ट्रीय फलक पर बढ़ाया है। रेंजर महिंद्रा गिरी के नाम की घोषणा अंतरराष्ट्रीय रेंजर अवॉर्ड के लिए हुई है। राजाजी टाइगर रिजर्व को इनाम के रूप में 10 हजार डॉलर की धनराशि प्रदान की जाएगी। वह अभी तक एशिया के इकलौते ऐसे रेंजर हैं, जिन्हें यह अवॉर्ड मिलेगा।
वन एवं वन्यजीव संरक्षण की दिशा में समर्पण भाव से कार्य करने के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत मोतीचूर के रेंजर को वैश्विक फलक पर सम्मान दिया गया है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के लैंडस्केप को-ऑर्डिनेटर डॉ. आइपी बोपन्ना ने राजाजी निदेशक डीके सिंह को पत्र लिख यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि नवंबर 2020 विचार-विमर्श के बाद महिंद्रा गिरी को नामित किया गया था। अंतरराष्ट्रीय रेंजर फेडरेशन, ग्लोबल वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन और संरक्षण सहयोगियों की ओर से उत्कृष्ट कार्य करने के लिए दुनियाभर के वन रेंजरों का चयन किया गया।
वन संरक्षण के लिए उनके योगदान और समर्पण के आधार पर दुनियाभर में कुल 10 विजेता तय किए गए। विभिन्न देशों के कुल 630 वन कर्मचारियों (68 व्यक्तिगत और 45 टीम नामांकन) के लिए 113 नामांकन प्राप्त हुए थे। इनमें मोतीचूर के रेंजर महिंद्रा गिरी एशिया से एकमात्र विजेता हैं। बाकी विजेता अमेरिका, अफ्रीका और पूर्वी यूरोप से हैं।
काम के बेहतर संचालन में विजेता और उनकी टीम का समर्थन करने के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व को 10 हजार अमेरिकी डॉलर प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा, पुरस्कार विजेता को ट्रॉफी, प्रमाण पत्र और वर्दी बैच प्रदान किया जाएगा। वैश्विक महामारी को देखते हुए पुरस्कार समारोह ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा और पुरस्कारों की आधिकारिक घोषणा सात अप्रैल को की जाएगी।
मोतीचूर में रेंजर महिंद्रा गिरी ने वन संरक्षण और पुनर्स्थापना, स्थानीय निवासियों के साथ बेहतर समन्वय, मानव-वन्यजीव संघर्ष को घटाने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य किया। साथ ही रिहायशी इलाकों में वन्यजीवों की गतिविधि कम कराने में सफल रहे। उन्होंने वन एवं वन्यजीव संरक्षण के प्रति क्षेत्र में जन जागरूकता अभियान भी चलाए।