चीन पहुंचे इमरान खान के जहरीले बोल

बीज‍िंग: चीन के दौरे पर पहुंचे पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्‍मीर को लेकर भारत पर जहरीला हमला बोला है। इमरान ने कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय कश्‍मीर में निष्‍पक्ष जनमत संग्रह कराने में असफल रहा है।

उन्‍होंने विश्‍व समुदाय से अपील की कि वे ‘भारतीय सेना के कब्‍जे से कश्‍मीरी लोगों को मुक्‍त होने की कश्‍मीरी जनता की इच्‍छा’ को अनदेखा न करे। बलूचों पर गोलियां बरसा रहे पाकिस्‍तानी पीएम ने कहा कि मोदी सरकार कश्‍मीरी लोगों को दबाने के लिए फांसीवादी नीतियों को अपना रही है।

चीन के उइगर मुस्लिमों के दमन पर चुप्‍पी साधने वाले इमरान खान ने कहा कि भारत कश्‍मीर में मानवाधिकारों का उल्‍लंघन कर रहा है। इसमें मानवता के खिलाफ अपराध, युद्धापराध और जनसंख्‍या को बदलने का खतरा शामिल है।

इमरान ने दावा किया कि ये सभी ज‍िनेवा संधि का उल्‍लंघन है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की ‘फांसीवादी’ नीतियां कश्‍मीर लोगों के प्रतिरोध को कुचलने में नाकाम रहीं।

पाकिस्‍तान 5 फरवरी यानि आज के दिन कश्‍मीर दिवस मना रहा है जिसकी शुरुआत साल 1990 में तत्‍कालीन पाकिस्‍तानी पीएम बेनजीर भुट्टो ने की थी। पाकिस्‍तानी कश्‍मीर पर प्रोपेगैंडा करने के लिए आज कई कार्यक्रम करने जा रहा है। इमरान खान इस समय चीन के दौरे पर हैं जहां उन्‍होंने ड्रैगन के साथ सीपीईसी और लोन को लेकर वर्चुअल बैठक की है।

इससे पहले पाकिस्‍तान के बड़बोले राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोइद युसूफ ने कहा था कि उनका देश भारत के साथ शांति चाहता है। पाकिस्‍तानी एनएसए ने आरोप लगाया कि भारत सरकार की विचारधारा ने सभी रास्‍तों को बंद कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत का माहौल बनाने की जिम्‍मेदारी भारत की है।

हाल ही में पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति को जारी करने वाले मोइद युसूफ ने इंडियन एक्‍सप्रेस को दिए साक्षात्‍कार में कहा कि भारत अभी भी पाकिस्‍तान के लिए वास्‍तविक खतरा है। राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति में भारत के साथ शांति के दावे के बारे में मोइद ने कहा कि पाकिस्‍तान भारत के साथ शांति चाहता है।

लेकिन दुखद बात यह है कि भारत ऐसी स्थित‍ि में है जहां वर्तमान भारत सरकार की विचारधारा ने सभी रास्‍तों को बंद कर दिया है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि भारत सरकार की हमारे साथ बातचीत समझदारी से भरा नहीं है।

पाकिस्‍तानी एनएसए ने दावा किया, ‘हमने बार-बार कहा है कि गेंद अब भारत के पाले में है। हम भी आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी माहौल भारत की ओर से आना चाहिए।’ उन्‍होंने कहा कि सीजफायर को लागू करने पर बनी सहमति कश्‍मीर को लेकर पश्चिमी देशों से बने दबाव को कम करने की भारतीय रणनीति थी।

जब आप बात करते हैं कि तो यह जानने की कोशिश करते हैं कि दूसरा पक्ष यह महसूस करता है कि हमें आगे बढ़ना चाहिए, दोनों को साथ बैठना चाहिए और एक बीच का रास्‍ता तलाश करना चाहिए।

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