नई दिल्ली: महंगाई के मोर्चे पर भले ही लगातार बुरी खबर आ रही हो लेकिन रोजगार के मार्चे पर अच्छी खबर है। अप्रैल में करीब 88 लाख लोग रोजगार से जुड़ गए। दरअसल, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, महामारी की शुरुआत के बाद से अप्रैल में सबसे अधिक 88 लाख लोगों को रोजगार मिला है। हालांकि, मांग की तुलना में उपलब्ध रोजगार पर्याप्त नहीं हैं।
CMII के प्रबंध निदेशक और सीईओ महेश व्यास ने कहा कि अप्रैल में भारत की श्रम शक्ति 8.8 मिलियन (88 लाख) से बढ़कर 437.2 मिलियन (लगभग 44 करोड़ के आसपास) हो गई, जो महामारी की शुरुआत के बाद से सबसे बड़ी मंथली वृद्धि है। उन्होंने कहा कि मार्च में देश का लेबर मार्केट 428.4 मिलियन का था। आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में देश की श्रम शक्ति में औसत मासिक वृद्धि 0.2 मिलियन थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्कफोर्स की भागीदारी में 8.8 मिलियन की वृद्धि तभी संभव थी जब कुछ कामकाजी उम्र के लोग जो नौकरियों से बाहर थे, अप्रैल में कामकाजी आबादी में शामिल हो गए। ऐसा इसलिए है क्योंकि कामकाजी उम्र की आबादी प्रति माह दो मिलियन से अधिक नहीं बढ़ सकती है और इससे आगे किसी भी वृद्धि का मतलब है कि जो लोग नौकरी से बाहर थे वे कार्यबल में लौट आए।