मंदिर हादसा: 2 बॉडी और मिलीं, अब 36 मौतें

इंदौर: इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे में 36 लोगों की जान चली गई। मामले में मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। 20 से ज्यादा लोगों का अभी इलाज चल रहा है। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा।

रात 12 से 1.30 बजे के बीच 16 शव और निकाले गए। शुक्रवार सुबह रेस्क्यू दोबारा शुरू किया गया। मंदिर की दीवार और बावड़ी की स्लैब तोड़ी गई। आर्मी और प्रशासन की कई टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रहीं। 53 वर्षीय सुनील नाम के शख्स का शव शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे बाहर निकाला।

घटनास्थल के पास एक धर्मशाला में पटेल समाज के लोग इकट्‌ठा हुए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार सुबह उनसे मिलने पहुंचे। यहां भीड़ ने हाय-हाय और मुर्दाबाद के नारे लगाए। हादसे में पटेल समाज के 11 लोगों की मौतें हुई है।

समाज के पदाधिकारियों ने कहा- जिन लोगों के यहां मौत हुई है, उनके परिवार से सीएम को मिलना चाहिए था। अफसरों ने पहले बताया गया था कि मुख्यमंत्री परिवार से मिलेंगे और उनकी पीड़ा जानेंगे। बाद में कार्यक्रम कैंसिल कर दिया गया।

करीब 60 साल पुराने मंदिर में गुरुवार को रामनवमी पर यहां पूजा की जा रही थी। 11 बजे हवन शुरू हुआ था। मंदिर परिसर के अंदर बावड़ी की गर्डर फर्शी से बनी छत पर 60 से ज्यादा लोग बैठे थे। दोपहर करीब सवा बारह बजे स्लैब भरभराकर गिर गया। सभी लोग 60 फीट गहरी बावड़ी में जा गिरे। मरने वालों में 21 महिलाएं और 15 पुरुष हैं। इनमें 3 बच्चे और एक बच्ची है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार सुबह घायलों और उनके परिजन से मुलाकात की। उन्होंने कहा- ‘घायलों का इलाज सरकार कराएगी।प्रदेश में ऐसे ढंके हुए कुएं-बावड़ी की तलाश कर खोले जाएंगे ताकि फिर कोई हादसा न हो।’ इसके बाद घटनास्थल का दौरा भी किया।

प्रत्यक्षदर्शी लक्ष्मीकांत पटेल ने बताया कि पहली बार हवन अंदर हुआ था, क्योंकि अगले साल से मूर्तियां नए मंदिर में शिफ्ट होने वाली थीं, इसलिए फैसला किया गया था कि भगवान के सामने ही हवन करेंगे। यही वजह रही कि बावड़ी पर इतनी भीड़ जमा हो गई।

राजेश यादव भी बावड़ी में गिरे थे। रेस्क्यू टीम ने उनको बाहर निकाल लिया। उन्होंने बताया, ‘पूर्णाहुति के समय अचानक जमीन धंस गई। हम बावड़ी में जा गिरे। सब चिल्ला रहे थे। मैं जैसे तैसे बावड़ी के कोने तक पहुंचा। आसपास की फर्शियां धंस रही थीं। मेरे साथ 10-12 लोग पत्थर पकड़ कर रुक गए। एक महिला को रस्सी से ऊपर ले जा रहे थे, तभी वह ऊपर से गिरी उन्हें नहीं बचा पाए।’

उधर बावड़ी में बार-बार पानी भर रहा था, जिससे बचाव प्रभावित हुआ। सीवरेज का पानी भी आ रहा था। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से रस्सियों के सहारे कुएं से लोगों को निकाला। अफसरों को अंदेशा है कि कुछ और शव अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं।

ऊपर यह तस्वीर गुरुवार सुबह मंदिर में हितांश खानचंदानी की। इस हादसे में उसकी मौत हो गई। देर रात डेढ़ साल के हितांश का शव लेकर एम्बुलेंस अस्पताल पहुंची तो शव देखकर पिता प्रेमचंद खानचंदानी उससे लिपट गए।
ऊपर यह तस्वीर गुरुवार सुबह मंदिर में हितांश खानचंदानी की।

इस हादसे में उसकी मौत हो गई। देर रात डेढ़ साल के हितांश का शव लेकर एम्बुलेंस अस्पताल पहुंची तो शव देखकर पिता प्रेमचंद खानचंदानी उससे लिपट गए।

बावड़ी में पानी ज्यादा होने से रेस्क्यू में परेशानी आई। जिसके बाद पानी को पंप की मदद से बाहर निकाला गया। पानी कम होने पर फिर रेस्क्यू शुरू किया गया। SDRF के DIG महेशचंद्र जैन ने बताया कि कुएं में बहुत ज्यादा पानी था, कुछ दिख नहीं रहा था। पानी को लगातार खाली किया गया। जिसके बाद और भी डेडबॉडी उसमें दिखीं।

उन्होंने बताया कि SDRF, NDRF, आर्मी की टीम, पुलिस और प्रशासन रेस्क्यू में लगा है। शुरुआत में करीब 20 लोगों को सकुशल बावड़ी से बाहर निकाला गया। इनमें से घायलों को अस्पताल भिजवाया गया।

स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, मंदिर समिति ने बिना अनुमति 30 साल पहले अवैध ढंग से बावड़ी को ढंक दिया। पूजा कर रहे लोगों को भी पता ही नहीं था कि वे बावड़ी पर बैठे हैं। निगम के रिकॉर्ड में दर्ज 629 बावड़ियों की सूची में पटेल नगर की बावड़ी का कहीं जिक्र ही नहीं था। समिति ने बावड़ी पर जाली ढक कर ऊपर फर्श बना दिया था।

पिछले साल अवैध निर्माण की शिकायत के बाद निगम ने नोटिस जारी किया तो समिति अध्यक्ष सेवाराम गलानी ने बावड़ी खोलने की बात कही थी। नेताओं के हस्तक्षेप के कारण निगम ने भी सिर्फ नोटिस देकर जिम्मेदारी पूरी कर ली और कार्रवाई से बचता रहा।

इंद्रकुमार हरवानी, साधु वासवानी नगर : दोस्त दिलीप खूबचंदानी ने बताया कि इंद्रकुमार की इलाके में कृष्णा बुटिक के नाम से दुकान है। वे बेटे के साथ संभालते थे। लोग उन्हें भाऊ के नाम से जानते थे। वे रोज की तरह मंदिर गए थे। हादसे में लापता होने की जानकारी के बाद स्कूल में साथ पढ़े 5 दोस्त भी खोजबीन में लग गए। इंद्रकुमार की अंतिम इच्छा के अनुसार परिजन ने आंखें और त्वचा दान की है।

मधु (48) पति राजेश भम्मानी, 41 सर्वोदय नगर : पति राजेश ने बताया कि पत्नी मधु 8वीं कक्षा में पढ़ने वाली 13 वर्षीय बेटी महक को लेकर दर्शन करने गई थीं। कहा था कि वे जल्द ही हवन करने के बाद घर आएंगी और भोजन साथ करेंगे। शाम को मधु का शव मिल गया, लेकिन महक का कोई पता नहीं चला। उन्होंने पत्नी की आंखें दान की हैं।

जयवंती (84) पति परमानंद खूबचंदानी, स्नेह नगर : जयवंती खूबचंदानी एक दिन पहले अमृतसर से लौटी थीं। परिजन का कहना है कि ये इस मंदिर से वर्षों से जुड़ी हुई हैं, इसलिए मंदिर से इन्हें विशेष तौर पर निमंत्रण देकर बुलाया था। पोता सावन खूबचंदानी उन्हें छोड़ने गया था। वह अपनी दादी को छोड़ने के बाद दुकान चला गया था। वह भी बावड़ी में गिर गईं और उनकी जान नहीं बच पाई।

दक्षाबेन पटेल (60), कनक (32) पटेल, पटेल नगर : दक्षा पटेल, कनक की सास थीं। कनक के पति कौशल और बेटी भी दर्शन के लिए गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कनक, कौशल और दक्षा तो हवन में बैठे, लेकिन धुएं के कारण बेटी रोने लगी तो पिता कौशल बाहर लेकर निकला, तभी हादसा हुआ और पत्नी और मां नीचे गिर गए। उनकी जान नहीं बच पाई।

मनीषा (23) पति आकाश मोटवानी, साधु वासवानी नगर: मनीषा की शादी को सालभर भी नहीं हुआ था। वह पति आकाश व अन्य रिश्तेदारों के साथ दर्शन करने गई थी। मनीषा और आकाश साथ गिरे। आकाश जैसे-तैसे बच गया पर मनीषा नहीं मिली। बार-बार रेस्क्यू के बाद आकाश बदहवास हो गया और बोला अब कुछ नहीं बचा, इसलिए मैं भी जान दे दूंगा। आकाश को अस्पताल में भर्ती कराया है। परिजन ने पत्नी का पीएम करवाया।

भूमिका खानचंदानी (31) पति उमेश, श्रीकृष्ण एवेन्यू लिंबोदी: पिता सुरेंद्र यादव ने बताया कि परिवार सालों से मंदिर से जुड़ा है। भूमिका के साथ बेटी अलीन (6), वेदा (3), सास रेखा, देवरानी भारत, डेढ़ साल का भतीजा हितांश भी गए थे। हादसे में भूमिका के अलावा देवरानी की बहन मनीषा की मौत हुई है। पति का मेडिकल का कारोबार है। देर रात हितांश का शव मिल गया, जबकि बाकी सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया है।

CM ने इंदौर में कहा- प्रदेश में ऐसे ढंके हुए कुएं-बावड़ी की तलाश कर खोले, जाएंगे ताकि फिर कोई हादसा न हो। बावड़ी की छत धंसने के मामले में अपराध दर्ज कर लिया है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित परिवारों को राहत राशि दी जाएगी।

इंदौर में बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी पर बावड़ी धंसने से 35 लोगों की मौत हो गई। इस घटना को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। इलाके के लोगों ने खुलासा किया है कि मंदिर प्रबंधन ने इस बावड़ी को भराव किए बगैर ही पैक कर ऊपर से गर्डर और फर्शियां डाल दीं। उसके बाद टाइल्स लगा दी थी।

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