उत्तराखंड में भी है अमरनाथ की तरह बर्फ का शिवलिंग!

देहरादून। चीन सीमा से सटे चमोली जिले की नीती घाटी में स्थित टिम्मरसैंण को केंद्र सरकार ने इनर लाइन से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही सरकार अब अगले वर्ष मार्च से टिम्मरसैंण यात्रा खोलने जा रही है। टिम्मरसैंण स्थित गुफा में भी अमरनाथ की तरफ बर्फ का शिवलिंग आकार लेता है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार टिम्मरसैंण यात्रा के जरिये इस सीमांत क्षेत्र में तीर्थाटन-पर्यटन की गतिविधियां शुरू होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इससे वहां पलायन थमेगा। देश की सुरक्षा के लिहाज से यह बेहद आवश्यक भी है।

चमोली जिले के अंतर्गत जोशीमठ से लगभग 82 किलोमीटर दूर नीती घाटी में नीती गांव के नजदीक है टिम्मरसैंण। यहां भगवान महादेव की एक छोटी सी गुफा है, जहां शीतकाल में बाबा बर्फानी अमरनाथ की तरह शिवलिंग बनता है। स्थानीय निवासी शीतकाल में वहां भगवान महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं, लेकिन इनर लाइन की बंदिशों के कारण अन्य स्थानों के व्यक्ति बाबा बर्फानी के दर्शनों से वंचित रहते थे। इसे देखते हुए सरकार ने टिम्मरसैंण को इनर लाइन से बाहर करने के लिए कसरत शुरू की।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को पत्र भेजे थे। उन्होंने बताया कि अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने टिम्मरसैंण को इनर लाइन से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने टिम्मरसैंण यात्रा मार्च से शुरू करने का निर्णय लिया है।

इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि अब टिम्मरसैण देश-दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचेगा। कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि जोशीमठ-नीती मोटर मार्ग पर स्नो कटर समेत अन्य उपकरणों की उपलब्धता कराई जा रही है। इनके जरिये बर्फ हटाई जाएगी। साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी जुटाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि टिम्मरसैंण की भांति राज्य के अन्य सीमांत क्षेत्रों में भी ऐसे कदम उठाए जाएंगे।

सामरिक दृष्टि से महत्व रखने वाले ऐसे क्षेत्र को इनर लाइन घोषित किया जाता है, जो दूसरे देशों की सीमा के नजदीक स्थित होता है। इन क्षेत्रों में सिर्फ स्थानीय लोग ही प्रवेश कर सकते हैं। विदेशियों को वहां जाने के लिए इनर लाइन परमिट लेना होता है। इनर लाइन में आने वाले क्षेत्र में वे तय अवधि तक ही घूम सकते हैं। रात्रि विश्राम नहीं कर सकते।

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