उत्‍तराखंड : 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों को मिलेंगे टैबलेट

देहरादून : उत्तराखंड को चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में समग्र शिक्षा अभियान में 970 करोड़ के बजट को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने स्वीकृति दी है। इसके अंतर्गत राज्य के 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट दिए जाएंगे। 1124 स्मार्ट क्लास और 940 आइसीटी (सूचना संचार प्रौद्योगिकी) लैब बनाई जाएंगी।

प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त समग्र शिक्षा अभियान के स्वीकृत बजट में और वृद्धि का भरोसा प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने दिया है। विशेष रूप से 133 जीर्ण-शीर्ण विद्यालय भवनों के निर्माण को आर्थिक सहायता देने पर सहमति दी गई है। इनके निर्माण पर करीब 28 करोड़ का खर्च आएगा।

स्वीकृत 970 करोड़ के बजट में से 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट दिए जाएंगे। प्रति टैबलेट 10 हजार की राशि स्वीकृत की गई है। शिक्षकों को टैबलेट मिलेंगे या टैबलेट खरीदने के लिए धनराशि दी जाएगी, इस बारे में निर्णय राज्य सरकार को लेना है।

नए बजट में 200 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ करने पर हामी भरी गई है। इससे पहले 200 विद्यालयों में इसे प्रारंभ किया जा चुका है। प्रदेश के 16 हजार विद्यालयों को विद्यालय अनुदान, खेल अनुदान और पुस्तकालय अनुदान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति और निपुण भारत योजना के अंतर्गत भी धनराशि स्वीकृत की गई है।

6.59 लाख छात्र-छात्राओं को निश्शुल्क पाठ्यपुस्तकें और यूनिफार्म मिलेगी। प्रदेश सरकार ने वर्तमान छात्रसंख्या के आधार पर ही पाठ्यपुस्तकों और यूनिफार्म के लिए धनराशि देने की पैरवी की है। इस पर भी सहमति जताई गई है। चालू शैक्षिक सत्र में छात्रसंख्या में सवा लाख की वृद्धि हुई है।

प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी और प्राथमिक शिक्षा निदेशक वंदना गब्र्याल और समग्र शिक्षा राज्य परियोजना अपर निदेशक डा मुकुल सती उपस्थित रहे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से अपर सचिव संतोष यादव, संयुक्त सचिव मनीष गर्ग ने भाग लिया।

प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना से वंचित रह गए शिक्षकों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। अक्टूबर, 2005 के छूटे हुए शिक्षकों को पुरानी पेंशन देने के आदेश शासन ने जारी किए हैं। अक्टूबर, 2005 में नई पेंशन योजना लागू होने से ऐन पहले नियुक्त शिक्षकों को चुनाव आचार संहिता के चलते कार्यभार ग्रहण करने में समय लग गया। इस दौरान नई पेंशन योजना लागू हो गई।

उनके ही साथ के अन्य शिक्षक पुरानी पेंशन योजना के पात्र हो गए, जबकि बाद में कार्यभार ग्रहण करने वाले शिक्षक इससे वंचित हो गए। शिक्षक लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की मांग कर रहे थे। वित्त विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी कर छूटे शिक्षकों को पुरानी पेंशन लाभ देने का आदेश दिया।

वित्त ने विद्यालयी शिक्षा सचिव को आदेश जारी किए हैं। उप सचिव नंदन सिंह बिष्ट ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। शासन के इस आदेश से 600 से अधिक शिक्षक लाभान्वित होंगे।

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