देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए इस माह होने वाली कांवड़ यात्रा पर सरकार ने रोक लगा दी है। इस संबंध में गुरुवार को शासनादेश जारी किया गया। प्रदेश में लगातार दूसरे साल कांवड़ यात्रा स्थगित की गई है।
बीते वर्ष भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए कांवड़ यात्रा नहीं हुई थी। इस बार कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बरपा चुकी है। ऐसे में सरकार ने कांवड़ यात्रा को स्थगित करने पर देर नहीं की। अब अन्य राज्यों से श्रद्धालु कांवड़ लेकर उत्तराखंड नहीं आ सकेंगे। वहीं राज्य के भीतर भी कांवड़ यात्रा की गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने इस बारे में मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय किए जाने की बात कही थी। शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली ने इस संबंध में शासनादेश जारी करने की पुष्टि की।
दरअसल, सरकार ने एक जुलाई से प्रदेश के तीन जिलों, चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी के स्थानीय निवासियों के लिए चारधाम यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया था। इस बीच हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को लेकर सरकार से एसओपी बनाने को कहा। सरकार ने यह एसओपी कोर्ट में प्रस्तुत भी की, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके साथ ही एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने पर रोक लगा दी।
इसके बाद सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया। इसके लिए पत्रावली तैयार कर अंतिम रूप दिया जाता, इस बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अचानक दिल्ली चले गए। ऐसे में अब हाईकोर्ट के निर्णय का गहन अध्ययन किया जा रहा है। इसके साथ ही इस आदेश को लेकर विधि विभाग से राय भी ली जा रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोर्ट में मामले की पुरजोर पैरवी हो।