उत्तराखंडःहिमपात होने से मई में चल रही शीत लहर

बागेश्वर : जिले में पिछले 36 घंटे से अनवरत हो रही बारिश से जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। वहीं पिंडर घाटी में हिमपात होने से मई माह में ही दिसंबर की तरह शीतलहर चल रही है। भारी बारिश से चार मोटर मार्ग आवागमन के लिए पूरी तरह बंद हो गए हैं।

मंडलसेरा में चीड़ का पेड़ गिरने से आरे-मंडलसेरा बाइपास सड़क पूरी तरह बंद है। यहां एक व्यक्ति के मकान का आंगन बारिश की भेंट चढ़ गया। इसके अलावा पेड़ गिरने से ऊर्जा निगम को भी भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।

गत मंगलवार की रात से जिले में लगातार बारिश हो रही है। गुरुवार को सिलसिला तेज होने से जनजीवन पर व्यापक असर पड़ रहा है। मंडलसेरा निवासी मोहन राम के मकान का आंगन भूस्खलन के कारण ध्वस्त हो गया है। वहां भूस्खलन से अन्य मकानों पर भी खतरा मंडराने लगा है।

आरे-मंडलसेरा बाइपास पर तुन का विशाल पेड़ गिर गया है। इससे सड़क वाहनों के लिए पूरी तरह बंद हो गई। दानपुर घाटी में तमाम सड़कों पर मलबा आने से यातायात व्यवस्था चरमरा गई। बागेश्वर-दफौट, भयूं-गुलेर, कपकोट-पोङ्क्षथग, उत्तरौड़ा, जौलकांडे-शीशाखानी आदि मोटर मार्ग आवागमन के लिए बंद हैं।

जौलकांडे-लेटी मोटर मार्ग में जगह-जगह भूस्खलन से सड़क मलबे से पट गई है। कोरोना वायरस की जांच को लेटी गांव गई स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां फंसी हुई है। टीम ने आपदा कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी है। खबर लिखे जाने तक सड़क बंद थी।

सरयू, गोमती नदी का जलस्तर बढ़ गया है। गंदा पानी बहने से पेयजल व्यवस्था भी चरमरा गई है। अधिकतर योजनाओं में पानी की आपूॢत समय से नहीं हो पा रही है। जंगलों में पेड़ गिरने से ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली आपूॢत भी चरमरा गई है।

जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार भारी बारिश की आशंका जताई गई थी। पिछले तीन दिनों से जिले में बारिश हो रही है। चार सड़कें अभी तक आवागमन के लिए बंद हैं। लोडर मशीनें भेज दी गई हैं। सभी विभागों को जिलाधिकारी ने अलर्ट किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *