ग्रामीणों के पैदल रास्ते ध्वस्त

चमोली: उत्तराखंड में चीन सीमा क्षेत्र में मलारी से नीती हाईवे के चौड़ीकरण का मलबा डंपिंग जोन में डालने के बजाय सीधे धौली गंगा में उड़ेला जा रहा है। नंदा देवी पार्क प्रशासन की टीम ने निरीक्षण के बाद इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। पहले भी इस मामले में कार्यदायी संस्था पर जुर्माना लगाया जा चुका है।

इन दिनों सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से मलारी-नीती हाईवे पर चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है जिसका काम कार्यदायी संस्था ओसीस कंपनी को दिया गया है। कंपनी की ओर से सड़क कटिंग से निकलने वाले मलबे को डंपिंग जोन में डालने के बजाय सीधे धौली नदी में डाला जा रहा है।

इसकी सूचना पर नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने टीम के साथ निरीक्षण किया। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि बुधवार को क्षेत्र में जाकर वस्तुस्थिति को देखा और इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।

कार्यदायी संस्था पर पहले भी इसी मामले को लेकर 2 लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। उसके बावजूद कार्यदायी संस्था मलबा नदी में उड़ेल रही है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

कंपनी की ओर से मलबा सड़क से नीचे डालने से नीती घाटी के कई गांवों के पैदल रास्ते भी ध्वस्त हो गए हैं जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मलारी गांव निवासी अग्गी राणा ने बताया कि कार्यदायी संस्था की मनमानी से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

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