27 शहरों में 1000 किमी से अधिक नए मेट्रो नेटवर्क पर हो रहा काम: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। गुजरात के अहम शहरों सूरत व अहमदाबाद के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार, 18 जनवरी 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना (Ahmedabad Metro) के द्वितीय चरण एवं सूरत मेट्रो रेल परियोजना का भूमि पूजन किया।

इन मेट्रो परियोजनाओं से इन शहरों को पर्यावरण के अनुकूल ‘Mass Rapid Transit System’ की सुविधा मिलेगी। इस मौके पर गुजरात के राज्यपाल (Gujarat Governor), केंद्रीय गृहमंत्री (Union Home Minister), राज्य मुख्यमंत्री (Gujarat Chief Minister) और केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री (Union Housing & Urban Affairs Minister) भी वर्चुअली शामिल हुए ।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘2014 से पहले के 10-12 सालों में सिर्फ 225 किमी मेट्रो लाइन ऑपरेशनल हुई थी। बीते 6 वर्षों में 450 किमी से ज्यादा मेट्रो नेटवर्क चालू हो चुका है। इस समय देश के 27 शहरों में 1000 किमी से ज्यादा के नए मेट्रो नेटवर्क पर काम चल रहा है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा भारत में है। सबसे बड़ा एफोर्डेबल हाउसिंग प्रोग्राम भारत में चल रहा है। सबसे बड़ा हेल्थ इंश्योरेंस प्रोग्राम भारत में चल रहा है। 6 लाख गांवों को तेज इंटरनेट से जोड़ने का कार्य भी भारत में चल रहा है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, आज हम शहरों के यातायात को एक इंटीग्रेटेड सिस्टम के तौर पर विकसित कर रहे हैं। यानी बस, मेट्रो, रेल सब अपने अपने हिसाब से नहीं दौड़ें, बल्कि एक सामूूहिक व्यवस्था के तौर पर काम करें, एक दूसरे के पूरक बनें। आज सूरत आबादी के लिहाज से एक तरफ देश का आठवां बड़ा शहर है, लेकिन दुनिया का चौथा सबसे विकसित होता शहर भी है। दुनिया के हर 10 हीरों में से 9 सूरत में तराशे जाते हैं।

गुजरात के शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी बीते वर्षों में अभूतपूर्व विकास हुआ है। विशेष रूप से गांव में सड़क, बिजली और पानी की स्थिति में बीते 2 दशकों में जो सुधार आया है। वो गुजरात की विकास यात्रा का बहुत अहम अध्याय है। बीते 6 वर्षों में देश में स्वास्थ सेवाओं से जुड़ी योजनाएं शुरू हुई हैं उनका भी लाभ गुजरात को बहुत व्यापक रूप से मिल रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत गुजरात के 21 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिला है।’

रिमोट से दोनों शहरों की परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘उत्तरायण की शुरुआत में आज अहमदाबाद और सूरत को बहुत ही अहम उपहार मिल रहा है। कल ही केवडिया के नए रेल मार्ग और नई ट्रेनों की शुरुआत हुई है। अहमदाबाद से भी आधुनिक जन शताब्दी एक्सप्रेस अब केवडिया तक जाएगी। आज अहमदाबाद में 17 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के इंफ्रास्ट्रक्चर का काम शुरू हो रहा है।

यह दिखाता है कि कोरोना के इस काल में भी नए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को लेकर देश के प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं। 2014 से पहले के 10-12 वर्ष में सिर्फ 225 किमी मेट्रो लाइन ऑपरेशनल हुई थी। वहीं बीते 6 वर्षों में 450 किमी से ज्यादा मेट्रो नेटवर्क चालू हो चुका है। अहमदाबाद के बाद सूरत गुजरात का दूसरा बड़ा शहर है जो मेट्रो जैसे आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम से जुड़ेगा। सूरत में मेट्रो नेटवर्क एक प्रकार से पूरे शहर के महत्वपूर्ण व्यापारी केंद्र को आपस में कनेक्ट करेगा।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के दो व्यापारिक केंद्रों अहमदाबाद व सूरत में मेट्रो और मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने एक दिन पहले ट्रेनों की शुरुआत का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश के 2 बड़े व्यापारिक केंद्रों अहमदाबाद और सूरत में मेट्रो कनेक्टिविटी को और मजबूत करने का काम करेगी। आज 17,000 करोड़ से अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर का काम शुरू हो रहा है, यह दिखाता है कि कोरोना काल में भी नए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को लेकर देश के प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं।’

वहीं केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘अहमदाबाद मेट्रो फेज-1 का कार्य जोर-शोर से चल रहा है, जून 2022 में जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा ये काम पूरा हो जाएगा।’

28.25 किमी लंबाई वाले अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज II में दो कॉरिडोर हैं। कॉरिडोर-1 22.8 किमी लंबा है जो मोटेरा स्टेडियम (Motera Stadium) से महात्मा मंदिर (Mahatma Mandir) तक है। कॉरिडोर-2 5.4 किमी लंबा है ओर यह GNLU से गिफ्ट सिटी तक है। फेज- II परियोजना को पूरा होने में 5,384 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

 

Surat Metro Rail Project is सूरत का यह प्रोजेक्ट 40.35 किमी लंबा है और इसमें भी दो कॉरिडोर हैं। कॉरिडोर-1 21.61 किमी लंबा है और यह सरथाना (Sarthana) से ड्रीम सिटी (Dream City) तक है। कॉरिडोर-2 18.74 किमी लंबा है और यह भेसन (Bhesan) से सारोली (Saroli) तक है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में कुल 12,020 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

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