हल्द्वानी : सूर्य के धनु राशि में जाने के साथ 15 दिसंबर को मलमास शुरू हो जाएगा। 14 जनवरी तक रहने वाले मलमास में विवाह, यज्ञोपवीत संस्कार आदि मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। विवाह के लिए 11 दिसंबर इस साल का आखिरी शुभ मुहूर्त था।
हालांकि कुछ पंचांग में शनिवार को अंतिम लग्न बताया गया है। शनिवार से अगले चार माह के लिए विवाह मुहूर्त पर विराम लग जाएगा। नए साल में मलमास, गुरु और शुक्र के अस्त होने से जनवरी से मार्च तक विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे। नए संवत्सर में 23 अप्रैल से ही शहनाई गूंजेगी।
ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास रहेगा। इसके बाद गुरु व शुक्र तारे के अस्त होने से विवाह आदि मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। 16 जनवरी को देव गुरु बृहस्पति और 8 फरवरी को शुक्र के अस्त होने के कारण कोई विवाह मुहूर्त नहीं होगा।
मार्च में होलाष्टक भी रहेगा। जिसमें विवाह नहीं होते हैं। इसके बाद अगस्त से अक्टूबर तक भी मलमास, गुरु व शुक्र के विभिन्न तिथियों में अस्त होने और सूर्य के सिंह व कन्या राशि में रहने से अक्टूबर तक मुहूर्त नहीं रहेंगे।
ज्योतिषी डा. नवीन चंद्र जोशी के अनुसार सूर्य के धनु व मीन राशि में स्थित होने की अवधि को मलमास या खरमास कहा जाता है। मलमास में विवाह, मुंडन, सगाई, गृह निर्माण, गृह प्रदेश आदि कार्य वर्जित बताए गए हैं। अत: इनसे विराम लेना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र बेलवाल के मुताबिक मलमास को दान पुण्य और ईश्वर भक्ति के लिए विशेष माना गया है। मलमास में किए गए दान का कई गुना फल मिलता है। इस माह निर्धन, जरूरतमंदों को जरूरत की सामग्री दान करनी चाहिए।