तुर्किए-सीरिया में 4365 की मौत, 5600 इमारतें जमींदोज

तुर्की:सोमवार को तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप आया. जिसमें 4,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई. भूकंप के तेज झटकों ने हजारों इमारतों को तबाह कर दिया. तबाही का मंजर इतना भयावह था कि बचावकर्ताओं ने जीवित बचे लोगों के रेस्क्यू के लिए नंगे हाथों से ही खुदाई करनी पड़ी. दर्जनों देशों ने 7.8-तीव्रता के भूकंप के बाद तुर्की की सहायता का वादा किया. ये भूकंप तब आया जब लोग अभी भी सो रहे थे और ठंड के मौसम ने राहत कार्यों और इमरजेंसी सेवाओं को और मुश्किल बना दिया.

तुर्की में लोगों के से भरे कई बहुमंजिला अपार्टमेंट मलबे के ढेर में तब्दील हो गए. साथ ही सीरिया में भी कई इमारतें ढह गई. अलेप्पो में पुरातात्विक स्थलों को भी नुकसान पहुंचा. दक्षिण-पूर्वी तुर्की शहर कहामनमारस में एक 23 वर्षीय रिपोर्टर मेलिसा सलमान ने कहा, “यह पहली बार था जब हमने ऐसा अनुभव किया,” सीरिया के राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के प्रमुख रायद अहमद ने इसे “देश के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ा भूकंप” करार दिया.

शुरुआती भूकंप के बाद दर्जनों आफ्टरशॉक्स आए, जिनमें 7.5 तीव्रता का भूकंप भी शामिल है, जिसने सोमवार को खोज और बचाव कार्य में और खलल डाल दिया. दक्षिणपूर्वी तुर्की के शहर सान्लिउफ़ा में, बचावकर्ता रात में काम कर रहे थे और सात मंजिला इमारत के मलबे से जीवित बचे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे थे. तापमान शून्य से नीचे गिरने के बावजूद, शहर में सहमे हुए लोग आग के चारों ओर घूमते हुए सड़कों पर रात बिताने की तैयारी कर रहे थे.

55 वर्षीय शख्स ने एएफपी को बताया, “हम यहां इंतजार कर रहे हैं क्योंकि हम घर नहीं जा सकते.” “हर कोई डर रहा है.” सरकार और बचावकर्ताओं ने कहा कि सीरिया में सोमवार को कम से कम 1,444 लोग मारे गए. जानकारी के मुताबिक दोनों देशों में कुल मौतों का आंकडा कम से कम 3,823 तक पहुंच चुका है. अंकारा ने सोमवार देर रात घोषणा की कि लगभग 14,500 लोग घायल हो गए और 4,900 इमारतें ढह गईं.

इस बीच तुर्की ने सात दिन के शोक की घोषणा की. सर्दियों के बर्फ़ीले तूफ़ान से बचाव में बाधा आ रही थी जिसने प्रमुख सड़कों को बर्फ से ढक दिया. अधिकारियों ने कहा कि भूकंप ने क्षेत्र में तीन प्रमुख हवाईअड्डों को निष्क्रिय कर दिया, जिससे महत्वपूर्ण सहायता की डिलीवरी और जटिल हो गई. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि सोमवार का पहला भूकंप तुर्की के शहर गजियांटेप के पास लगभग 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर सुबह 4:17 बजे (0117 GMT) आया, जो लगभग 20 लाख लोगों का घर है.

डेनमार्क के भूवैज्ञानिक संस्थान ने कहा कि तुर्की में आए मुख्य भूकंप के करीब आठ मिनट बाद भूकंप के झटके ग्रीनलैंड के पूर्वी तट पर महसूस किए गए. आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि तुर्की में 12,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जबकि सीरिया ने कहा कि कम से कम 3,411 लोग घायल हुए हैं. इस मुश्किल घड़ी में तुर्की की मदद के लिए भारत की तरफ से भी NDRF टीम भेजी गई. मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए राहत बचाव कार्य चल रहा है.

भूकंप के तेज झटकों के कारण सैकड़ों इमारतें जमींदोज हो गईं. तुर्की में तीन बर भूकंप के झटके महसूस किए गए. 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूंकप आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया. साथ ही भारत ने इस त्रासदी से निपटने में मदद के लिए हाथ भी बढ़ाया है. पीएम मोदी ने कहा कि, भारत भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर है.

संसदीय दल की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्किए में आए भूकंप के बाद भारत द्वारा दी गई सहायता का ज़िक्र किया. पीएम मोदी ने मदद की जानकारी दी. न्यूज़ीलैंड तुर्की रेड क्रीसेंट को 632,000 डॉलर और सीरियाई अरब रेड क्रिसेंट को 316,000 डॉलर की मदद दे रहा है जिससे खाना, टेंट और कंबल जैसे सामान की डिलीवरी के साथ-साथ चिकित्सा सहायता और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान की जा सके.भूकंप से मची ताबाही के बीच तुर्किए में फिर भूकंप का बड़ा झटका महसूस हुआ है. रिक्टर स्केल पर 5.9 तीव्रता मापी गई.

तुर्किए में आए विनाशकारी भूकंप को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान से फोन पर बात की. बाइडेन ने हर संभव मदद देने का जिक्र उनसे किया.तुर्किए के स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोका के अनुसार, खराब मौसम के चलते सहायता टीमों के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं. कोका ने कहा, “मौसम की स्थिति और आपदा की भयावहता के कारण हमारी टीमों के लिए क्षेत्र में पहुंचना मुश्किल हो गया है.”

तुर्किए के उप राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने कहा कि ऐसी आपदा “100 साल में एक बार” आ सकती है. देश को मरने वालों की संख्या बढ़ने के लिए तैयार रहना चाहिए.एक भारतीय वायु सेना सी-17 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की खोज और बचाव टीमों के साथ तुर्किए के लिए रवाना हुई. यह विमान एक बड़े राहत प्रयास का हिस्सा है जो IAF द्वारा अन्य भारतीय संगठनों के साथ किया जाएगा.

ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, तुर्किए में कम से कम 2,921 लोगों की मौत हुई है जिससे मरने वालों की कुल संख्या 4,365 हो गई है.स्पेन भी सीरिया के भूकंप प्रभावित लोगो की मदद के लिए आगे आया. मलबे में फंसे लोगों की तलाश के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित स्निफर डॉग्स भेजे गए.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तुर्किए और सीरिया में भूकंप से तबाही पर दुख जताते हुए कहा, प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाएंगे.तुर्किए और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को लेकर PMO में बैठक हुई जिसके बाद पीएम मोदी के निर्देश पर NDRF की 2 टीमें तुर्किए रवाना हुई हैं.तुर्किए के अलावा सीरिया का सीमा से सटा इलाका ज्यादा प्रभावित हुआ है. सैकड़ों बिल्डिंग तबाह होने से 1300 के करीब लोगों की जान चली गई है.

तुर्किए के राष्ट्रपति अर्दोआन ने देश के लोगों को संबोधित करते हुए आपातकाल लागू किया साथ ही 7 दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान किया.तुर्किए में सोमवार (6 फरवरी) सुबह से लगातार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं. अब तक 46 बार झटके महसूस किए गए है. भूकंप के झटकों की तीव्रता 4.3 से लेकर 7.8 तक दर्ज की गई.

सोमवार (6 फरवरी) को आए भूकंप से सबसे ज्यादा तबाही तुर्किए में हुई है. यहां मृतकों का आंकड़ा 2400 के करीब पहुंच चुका है. वहीं, लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.तुर्किए और सीरिया में आए भूकंप के चलते अब तक 3 हजार 8 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 14 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

तुर्किए और पड़ोसी देश सीरिया में सोमवार (6 फरवरी) को आए 7.8 तीव्रता वाले भूकंप में अब तक 4365 लोगों की मौत दर्ज हो गई है. वहीं, हजारों लोगों की संख्या में लोग घायल हुए हैं. भीषण भूकंप के चलते भारी नुकसान हुआ है. कई बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह गिरती हैं.

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भूकंप के बाद तुर्किए और सीरिया में 4365 से अधिक लोग मारे गए जबकि 14000 से अधिक अन्य घायल हुए हैं. वहीं, कहारनमारस के एलबिस्तान जिले में 7.6 तीव्रता का भूकंप महसूस हुआ. लेबनान और सीरिया समेत कई पड़ोसी देशों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.

तुर्किए के डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट प्रेसीडेंसी (एएफएडी) के रिस्क रिडक्शन जनरल मैनेजर ओरहान तातार ने कहा कि अनादोलू एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप के कारण 5,606 इमारतें ढह गई हैं. तातार ने कहा कि 6,800 लोगों को मलबे से निकाला गया है.

आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्रेसीडेंसी (एएफएडी) की ओर से कहा गया, लगभग 9700 बचाव कर्मी क्षेत्र में काम कर रहे हैं. तुर्किए के स्वास्थ्य मंत्री कोका ने कहा कि पर्याप्त संख्या में टीमें आपदा क्षेत्रों में काम कर रही हैं और उनकी खोज और बचाव और स्वास्थ्य सेवाएं जारी हैं. तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि कई दक्षिणी प्रांतों में भूकंप आने के बाद तुर्किए सात दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा करेगा.

एर्दोगन ने एक ट्वीट में कहा, “6 फरवरी को हमारे देश में आए भूकंपों के कारण, सात दिनों के लिए राष्ट्रीय शोक की अवधि घोषित की गई थी. हमारा झंडा 12 फरवरी, रविवार को सूर्यास्त तक आधा झुका रहेगा.

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