भाजपा के 60 टिकट फाइनल!

देहरादून:उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के चुनाव के लिए भाजपा ने बुधवार को 60 से अधिक टिकट फाइनल कर दिए हैं। गुरुवार को पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर देगी। शेष सीटों पर दोबारा मंथन के बाद अगले प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, देर रात तक उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों पर आए नामों के पैनल पर मंथन हुआ। इनमें से 60 से अधिक सीटों पर नाम फाइनल कर लिए गए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक हरिद्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।

उनके अलावा सभी मंत्रियों के टिकट भी फाइनल हो गए हैं। गुरुवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान प्रत्याशियों की पहली सूची जारी हो जाएगी। कोटद्वार, डोईवाला समेत करीब 10 सीटों पर पार्टी बाद में निर्णय करेगी।

दुर्गेश लाल कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो रहे हैं। दुर्गेश ने अभी कुछ माह पूर्व भाजपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाॅइन की थी, लेकिन भाजपा से मालचंद के कांग्रेस में जाने व टिकट न मिलने से दुर्गेश कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे।

टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में भी लगातार मंथन का दौर जारी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस भी जल्द अपने उम्मीदवारों का एलान कर सकती है। दरअसल, भाजपा और कांग्रेस के बीच टिकटों की घोषणा को लेकर रणनीतिक तौर पर पहले आप, पहले आप की होड़ लगी थी। एक-दूसरे के उम्मीदवारों की सूची देखकर अपने पत्ते खोलने की बात कही जा रही थी। अगर भाजपा अपने सीटों का एलान गुरुवार को कर देती है तो समझा जाता है कि कांग्रेस की सूची भी जल्द जारी हो सकती है।

प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुक्रवार से शुरू होने जा रहे हैं। चुनाव आयोग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। कोविड संक्रमण की वजह से पहली बार ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन नामांकन की सुविधा भी दी जा रही है। हालांकि ऑनलाइन नामांकन पत्र भरने वालों को भी ऑफलाइन उसका प्रिंट जमा कराना होगा।

चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, शुक्रवार से प्रदेशभर में विधानसभा चुनाव के नामांकन शुरू हो जाएंगे। 28 जनवरी तक नामांकन कर सकेंगे। इसके बाद 29 जनवरी को नामांकन की छंटनी होगी। 31 जनवरी तक नाम वापस ले सकते हैं। इसके बाद प्रत्याशियों की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी जाएगी।

इस बार नामांकन की प्रक्रिया ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन भी होगी। इसके लिए चुनाव आयोग ने सुविधा पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल के माध्यम से प्रत्याशी अपने फॉर्म डाउनलोड कर सकता है, भर सकता है, शुल्क जमा करा सकता है।

विधानसभाचुनाव नामांकन के लिए सभी प्रत्याशियों के लिए जमानत राशि दस हजार रुपये है। आरक्षित वर्ग के प्रत्याशियों के लिए यह रकम पांच हजार रुपये होगी। राजपुर रोड के रिटर्निंग ऑफिसर रजा अब्बास ने बताया कि जो प्रत्याशी ऑनलाइन नामांकन करेगा, उसे नामांकन से जुड़े सभी दस्तावेज का प्रिंट लाकर संबंधित आरओ के पास जमा कराना होगा।

कांग्रेस के दबदबे वाली चकराता विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा नया प्रयोग कर सकती है। पार्टी रामशरण नौटियाल पर दांव लगा सकती है। नौटियाल लंबे समय भाजपा में हैं और टिकट की दावेदारी करते आए हैं। उनके पुत्र मशहूर पार्श्व गायक जुबिन नौटियाल पिता के टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं।

उधर, पार्टी सूत्रों ने भी संकेत दिए हैं कि चकराता में इस बार पार्टी नौटियाल को मैदान में उतारने पर गंभीर है। केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में उनके नाम पर गंभीरता से विचार हुआ। 2017 में पार्टी ने विधायक मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी मधु चौहान को मैदान में उतारा था।

मधु ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह चौहान को कड़ी टक्कर दी थी। वह केवल 1543 वोटों से पराजित हुई थीं। वर्तमान में मधु चौहान जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं। पार्टी में एक परिवार में एक से अधिक टिकट को लेकर चल रहा विरोध मधु की दावेदारी के चुनौती माना जा रहा है।

टिकटों के एलान के साथ ही तमाम सीटों पर बगावत के सुर भी उठ सकते हैं। ऐसे में पार्टी की ओर से पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए मोहन प्रकाश जोशी ने ऐसी सीटों की टोह लेनी शुरू कर दी है। टिकटों की घोषणा के साथ ही तमाम सीटों पर कई दावेदारों को झटका लग सकता है।

इसके बाद पार्टी में नाराजगी और असंतोष के सुर भी उठ सकते हैं। इस नाराजगी को कैसे कम किया जाए, पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश जोशी ने इस संबंध में रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

उन्होंने पार्टी कार्यालय पहुंचकर ऐसी सीटों की जानकारी जुटाई और असंतोष से निपटने की रणनीति बनाई। उन्होंने नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलने के साथ ही दूरभाष पर फिडबैक लिया।

उनका मानना है कि जो नेता या कार्यकर्ता पिछले पांच साल से किसी सीट पर तैयारी कर रहा है, यदि उसे टिकट नहीं मिलता तो उसका नाराज होना जायज है। लेकिन पार्टी ऐसे सभी नेताओं से अपील करती है कि वह निजी हितों को एक तरफ रखते हुए पार्टी के लिए सोचें।

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