काबुल। तालिबान के शासन में अफगानिस्तान में हिंसा का दौर खत्म नहीं हो रहा है। शुक्रवार को उत्तरी अफगानिस्तान के हेरात शहर में एक मस्जिद में जबर्दस्त धमाका हुआ, जिसमें एक प्रमुख मौलवी समेत कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई। विस्फोट में 22 लोग घायल भी हुए हैं। तालिबान के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने धमाके में प्रमुख मौलवी मुजीब-उल रहमान अंसारी की मौत की पुष्टि की है। उधर हेरात एंबुलेंस सेंटर के एक अधिकारी मुहम्मद दाउद मुहम्मदी ने कहा कि एंबुलेंस से 18 मृत और 21 घायलों को अस्पताल लाया गया है।
इस धमाके की अब तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। अधिकारियों ने कहा कि हेरात शहर की गुजारगाह मस्जिद में शुक्रवार दोपहर की नमाज के समय विस्फोट हुआ। जुमे की नमाज के दौरान आमतौर पर भीड़ अधिक होती है।
इस विस्फोट में प्रमुख मौलवी अंसारी की भी मौत हो गई जिन्हें तालिबान का करीबी समझा जाता था। तालिबान शासन से पूर्व अफगानिस्तान की पश्चिम-समर्थित सरकारों की आलोचना के लिए अंसारी को पूरे अफगानिस्तान में जाना जाता था।
एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरगाह मस्जिद में दोपहर की नमाज के दौरान ये धमाका हुआ है। जुमे की नमाज के दौरान मस्जिद में काफी भीड़ थी। इसीलिए नुकसान ज्यादा हुआ है। बम धमाके की अभी तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। मृत मौलवी का नाम मुजीब रहमान अंसारी बताया जा रहा है।
तालिबान के अधिकारी अब्दुल नफी ताकोर ने धमाके की पुष्टि की है। ताकोर अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता हैं।
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता को एक साल से ज्यादा समय हो गया है। तालिबान ने कहा कि उन्होंने देश में सत्ता संभालने के बाद सुरक्षा में सुधार किया है। हालांकि, बीते कुछ महीनों में मस्जिद को निशाना बनाकर कई धमाके होते रहे हैं। हाल ही में हुए मस्जिदों में हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएस ने ली थी।