चमोली आपदाः मैठाणा से एक शव बरामद, 37 हुई मृतकों की संख्या,167 अभी लापता

देहरादून। चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आपदा की जद में तपोवन में टनल में फंसे 34 लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि एक छोटी सुरंग में प्रवेश करने का प्रयास किया जाएगा, जो मौजूदा सुरंग से 12 मीटर नीचे है। वहां मानव उपस्थिति की संभावना हो सकती है। दूसरी ओर मैणाणा से एक शव बरामद हुआ है, जिसके बाद मृतकों की संख्या 37 हो गई है।

इससे पहले गुरुवार को ऑपरेशन दो बार बाधित हुआ। सुरंग के नीचे सिल्ट फ्लशिंग टनल (एसएफटी) तक ड्रिलिंग के लिए बुधवार रात शुरू किया गया अभियान 10 घंटे बाद न केवल रोकना पड़ा, बल्कि उसके बाद पुराने ढर्रे पर ही दोबारा रेस्क्यू शुरू किया गया। इसके तीन घंटे बाद दोपहर करीब दो बजे धौलीगंगा में जलस्तर बढ़ने की सूचना के चलते टनल में बचाव कार्य बीच में ही रोक दिया गया। तकरीबन डेढ़ घंटे बाद स्थिति सामान्य रहने की जानकारी मिलने पर रेस्क्यू ऑपरेशन सुचारु हुआ।

चमोली जिले के तपोवन सुरंग में फंसे लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे एनडीआरएफ कमांडेंट पीके तिवारी ने बताया कि टीम लगातार शवों की तलाश कर रही है। नदी के किनारे शवों की तलाश के लिए एक टीम भी तैनात की गई है। बचाव अभियान में शामिल सभी एजेंसियां ​​चौबीसों घंटे काम कर रही हैं।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले, हमें एक झील के बारे में जानकारी मिली है, जो जोशीमठ में रैणी गांव के पास बनी है। वर्तमान स्थिति बताती है कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं। हम समीक्षा के लिए विशेषज्ञों को भी प्रसारित करने की योजना बना रहे हैं।
आज हम एक छोटी सुरंग में प्रवेश करने का प्रयास करेंगे, जो मौजूदा सुरंग से 12 मीटर नीचे है। वहां मानव उपस्थिति की संभावना हो सकती है- डीजीपी अशोक कुमार
अब तक 36 शव बरामद और दो व्यक्ति मिले सकुशल- चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया

तपोवन बैराज साइट पर आपदा पीड़ितों का हंगामा जारी है। उन्होंने एनटीपीसी और सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया है। उन्होंने टनल में फंसे लोगों का जल्द रेस्क्यू करने की मांग की है। तनाव बढ़ता देख टनल साइट पर पुलिस बल तैनात है।

गौरतलब है कि सात फरवरी को ग्लेशियर टूटने के बाद आए पानी के सैलाब ने बहुत कुछ तबाह कर दिया। इसके बाद से अब तक कुल 37 शव मिल चुके हैं, जबकि शिनाख्त दस की ही हो पाई है। 167 व्यक्ति लापता हैं। पहली बार आपदा में 184 पशुहानि की सूचना दी गई।

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