पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी बारिश

देहरादून : उत्तराखंड में आज पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश का सिलसिला जारी है। कुछ जिलों में बादल छाए हुए हैं। खराब मौसम के बीच यमुनोत्री धाम की यात्रा भी चौथे शुरू हो गई है। यमुनोत्री धाम के साथ आसपास बादल छाए हुए हैं जबकि बड़कोट क्षेत्र में बारिश जारी है। गढ़वाल के साथ ही कुमाऊं के भी कुछ हिस्सों में बारिश जारी है।

चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार है। इसे देखते हुए मौसम विज्ञानियों ने येलो अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे के अंदर मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश की संभावना जताई थी।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में भारी बारिश की संभावना है। बाकी जिलों में तेज गर्जना के साथ हल्की से लेकर मध्यम बारिश की संभावना है।

प्रदेश में भारी बारिश से हुए भूस्खलन के कारण 166 सड़कें बंद हैं। मंगलवार को 63 सड़कों को खोल दिया गया था। इस काम में 200 जेसीबी मशीनों को लगाया गया। लोक निर्माण विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को कुल 72 मार्ग अवरुद्ध हुए, जबकि 157 मार्ग एक दिन पहले से अवरुद्ध थे। इस तरह से कुल 229 अवरुद्ध मार्गों में से 63 मार्गों को मंगलवार को खोल दिया गया।

शेष अवरुद्ध सड़कों में 12 राज्य मार्ग, 05 मुख्य जिला मार्ग, 07 अन्य जिला मार्ग, 77 ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। इनके अतिरिक्त पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 89 सड़कें बंद हैं। सड़कों को खोलने के काम में मंगलवार को राज्य राजमार्गों पर 19, मुख्य जिला मार्गो पर 11, अन्य जिला मार्गों पर आठ, ग्रामीण मार्गां पर 80 और पीएमजीएसवाई के मार्गों पर 82 जेसीबी मशीनों को लगाया गया है।

चमोली जिले में रुक-रुककर हो रही भारी बारिश से मलबा आने से ग्रामीण क्षेत्रों की 40 सड़कें बंद पड़ी हैं जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पोखरी, नंदानगर, गैरसैंण, देवाल, थराली और दशोली ब्लाक के गांवों की अधिकांश सड़कें बंद हैं।

कई निर्माणाधीन सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। नंदानगर-धुर्मा-मोख मल्ला सड़क पिछले एक माह से बंद है। ग्रामीणों को अपने गंतव्य तक जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य सोबन सिंह नेगी का कहना है कि सड़क बंद होने से ग्रामीणों को करीब आठ किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है। ऐसे में रसोई गैस सिलिंडर भी ग्रामीण अपनी पीठ पर लादकर ले जा रहे हैं। वहीं पोखरी क्षेत्र में उडामांडा-रौता सड़क 24 जुलाई से बंद है।

नंदानगर के सुखवीर रौतेला का कहना है कि पिछले कई दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें बंद हैं लेकिन विभागीय अधिकारी सड़कों को खोलने में लापरवाही बरत रहे हैं। इधर, आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी का कहना है कि जिले में भारी बारिश से मलबा आने से बंद 40 सड़कों को खोलने का काम जारी है। बार-बार बारिश होने पर सड़कें बंद हो रही हैं जिससे अस्वस्थ ग्रामीणों को अस्पताल तक पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं।

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