शहीद की पत्नी बनीं सेना में लेफ्टिनेंट

उदय दिनमान डेस्कः भारत की सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात जवान अपनी जान की भी परवाह नहीं करते हैं। कई बार आतंकवादी हमले या सीमा पर पड़ोसी सेना से मुठभेड़ में कई भारतीय जवान शहीद हो जाते हैं। उनकी शहादत देश के लिए बलिदान होती है। शहीद सैनिकों के परिवार के लिए उन्हें खोना आसान नहीं होता। परिवार के लाल की शहादत को वह गर्व के साथ अपनाते हैं।

कई औरतों ने अपने पति को खोया होता है। शहीद की पत्नी का जीवन आसान नहीं होता। उसे खुद को और अपने बच्चों व परिवार को संभालना होता है। पति की शहादत को पीड़ा से ज्यादा गर्व के साथ अपनाना होता है। लेकिन ऐसी भी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने शहादत के बाद पति के सपने को पूरा करने की ठानी।

देश की सुरक्षा करने का जो सपना शहीद जवान ने देखा था, उसे आज उनकी पत्नी पूरा कर रही हैं। शहीद पति के सपने को पूरा करने के लिए भारतीय सेना में शामिल होने वाली ऐसी ही एक बहादुर महिला की कहानी बताई जा रही है, जो गर्व से आपका सीना चौड़ा कर देगी।

ज्योति नैनवाल उत्तराखंड के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पति का नाम दीपक कुमार है जो कि सेना में थे। 10 अप्रैल 2018 में नाइक दीपक नैनवाल को कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान तीन गोलियां लगी थीं। इलाज के दौरान 20 मई को दीपक शहीद हो गए।

दीपक की शहादत के बाद पत्नी ज्योति पर उनके दो बच्चों की जिम्मेदारी आ गई। दीपक और ज्योति का एक 5 साल का बेटा और 8 साल की बेटी है। ज्योति के लिए पति का जाना किसी सदमे से कम नहीं था, लेकिन वह टूट नहीं सकती थीं। उन्होंने पति की बहादुरी को अपने जीवन में शामिल करने की ठानी और भारतीय सेना में शामिल होने का फैसला किया।

ज्योति नैनवाल ने चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में ट्रेनिंग ली। कड़ी मेहनत के कारण सेना में उनका चयन हो गया। ज्योति एसससी (डब्ल्यू) 26 की 29 महिली कैडेट और SSC-112 पाठ्यक्रम के कुल 124 कैडेट में से एक थीं। ज्योति नैनवाल 20 नवंबर 2021 को अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी से पास हुईं और लेफ्टिनेंट के तौर पर उनका चयन हुआ।

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