नई दिल्ली: उत्तर कोरिया ने घोषणा की है कि उसने 24 मार्च को एक परीक्षण में अपनी सबसे बड़ी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। ह्वासोंग-17 को पहली बार 2020 के एक परेड में अनावरण किया गया था जहां इसके विशाल आकार ने अनुभवी विश्लेषकों को भी चौंका दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक ह्वासोंग-17 मिसाइल अमेरिका तक में कहीं भी परमाणु हथियार पहुंचाने में सक्षम है।
मिसाइल लॉन्च को जापान और दक्षिण कोरियाई सेना द्वारा ट्रैक किया गया था। जापानी अधिकारियों ने कहा कि यह 6000 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ा और एक घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने के बाद जापान के समुद्री क्षेत्र में गिर गया। इसकी ऊंचाई पिछली मिसाइल ह्वासोंग-15 से भी अधिक है। 2017 में उत्तर कोरिया द्वारा किए गए परीक्षणों की एक सीरीज में ह्वासोंग-15 4500 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच गई थी।
एक्सपर्ट्स ने कहा है कि यह एक बड़ी मिसाइल है। एक विश्लेषक ने इसे राक्षस मिसाइल बताया है। ऐसा माना जाता है कि यह सबसे बड़ा मोबाइल ICBM है जिसे कई हथियार ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। किम जोंग-उन ने पहली बार अक्टूबर 2020 में एक सैन्य परेड में इस मिसाइल को दिखाया था। इसे अक्टूबर 2021 में प्योंगयांग में एक रक्षा प्रदर्शनी में दूसरी बार प्रदर्शित किया गया था।
उत्तर कोरिया के पिछले ICBM परीक्षणों के उलट ह्वासोंग -17 को सीधे एक ट्रांसपोर्टर, इरेक्टर, लॉन्चर वाहन से लॉन्च किया गया था। विश्लेषकों ने कहा है कि ह्वासोंग-17, जिसे 11 धुरों के साथ एक लॉन्चर पर दिखाया गया है, दुनिया का सबसे बड़ा रोफ-मोबाइल, लिक्विड-फ्यूल वाला ICBN है। इसका व्यास 2।4 और 2।5 मीटर के बीच होने का अनुमान है और इसका कुल द्रव्यमान, जब पूरी तरह से फ्यूल भर जाता है तो 80,000 और 1,10,000 किलोग्राम के बीच होने की संभावना है।