तीसरे विश्व युद्ध की आहट !

मारीपोल के थिएटर में 300 लोगों की मौत, खार्कीव और चार्निहीव बदतर हालात, नाटो ने दी चेतावनी

ब्रसेल्स। यूक्रेन युद्ध में नाटो की भूमिका के संबंध में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने महत्वपूर्ण बात कही है। कहा है-युद्ध में रूस यदि रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करता है तो नाटो उसका जवाब देगा। रूसी हमला जिस स्तर का होगा, नाटो उसी स्तर का जवाब देगा। बाइडन ने यह बात नाटो समिट के बाद आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में कही। उधर रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि लुहांस्क के 93 प्रतिशत क्षेत्र पर उसका कब्जा हो गया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान नाटो समिट में बनी उस आमराय के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि यूक्रेन युद्ध में सामरिक संगठन सीधे तौर पर शामिल नहीं होगा। एपी के अनुसार यूक्रेन के मारीपोल शहर में थिएटर बिल्डिंग पर हुई रूसी बमबारी में 300 लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है। रूसी विमानों ने यह बमबारी 16 मार्च को की थी।

लगभग तीन हफ्ते से रूसी सैनिकों से घिरे मारीपोल में बड़ी संख्या में नागरिकों ने शरण ले रखी थी। उसके ऊपर बड़े अक्षरों में चिल्ड्रेन का बैनर भी लगा रखा था जिससे हवाई हमले से उसकी सुरक्षा हो सके। बावजूद इसके वह थिएटर रूसी विमानों के हमले से बच नहीं सका। थिएटर का मलबा हटने के बाद उसमें दबी लाशें सामने आई हैं। बाकी बचे मलबे में और भी लाशें दबी हो सकती हैं।

हमले के बाद यूक्रेन की मानवाधिकार आयुक्त ल्यूडमिला डेनीसोवा ने कहा था कि थिएटर के भूमिगत हिस्से में 1,300 से ज्यादा लोग मौजूद थे। उनमें से ज्यादातर के मारे जाने या घायल होने का अंदेशा है। रूसी हमलों के चलते मारीपोल की दशा और खराब हुई है। खार्कीव और चार्निहीव शहरों में जीवन को लेकर संकट बढ़ा है। इस बीच काला सागर में फंसे 15 देशों के 67 मालवाही जहाजों को सुरक्षित निकासी का रास्ता देने के लिए रूस ने प्रस्ताव रखा है।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि लुहांस्क के 93 प्रतिशत क्षेत्र पर उसकी सेना का कब्जा हो गया है। लुहांस्क पूर्वी यूक्रेन का वह हिस्सा है जिसके एक टुकड़े पर रूस समर्थित विद्रोहियों का 2014 से कब्जा था। रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन युद्ध में अपने 1,351 सैनिक मारे जाने और 3,825 के मारे जाने की बात कही है। जबकि यूक्रेन का दावा करीब 16 हजार रूसी सैनिकों को मारने का है।

डोनबास से क्रीमिया को जोड़ने की कोशिश में लगी रूसी सेना को अपने मकसद में आंशिक सफलता मिल गई है। रूस के कब्जे वाले दोनों इलाकों के बीच जमीनी रास्ता बनाने में वह कामयाब हो गई है। इस बात की पुष्टि यूक्रेन सरकार ने की है। दोनों इलाकों के बीच मारीपोल शहर है जिस पर कब्जे के लिए बीते तीन हफ्तों से भीषण संघर्ष चल रहा है।

हंगरी ने यूक्रेन को हथियार देने और रूस के तेल व गैस पर प्रतिबंध लगाने के यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के अनुरोध को खारिज कर दिया है। हंगरी यूरोपीय यूनियन और नाटो का पहला सदस्य देश है जिसने स्पष्ट तौर पर जेलेंस्की की मांग को खारिज किया है।

यूक्रेन के पड़ोसी देश हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने कहा है कि जेलेंस्की का अनुरोध हंगरी के हितों के खिलाफ है। हंगरी अपनी जरूरत की 85 प्रतिशत गैस और 60 प्रतिशत से ज्यादा तेल रूस से लेता है। अगर हंगरी दोनों उत्पादों को लेना बंद कर देगा तो उसकी अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। इसी प्रकार से यूक्रेन को हथियार की आपूर्ति करना भी हंगरी के हितों के खिलाफ है।

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