ऋषि सुनक ब्रिटेन के PM

ब्रिटेन: ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री (Prime Minister) बन गए हैं. कंजरवेटिव पार्टी ने उनको नेता चुन लिया है और मंगलवार को किंग चार्ल्स उन्हें औपचारिक रूप से देश का प्रधानमंत्री नियुक्त कर देंगे. ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनते ही जिस कदर ब्रिटेन की सियासत बदली ठीक उसी तरह इसका प्रभाव भारत पर भी पड़ा.

भारत की राजनीति में ऋषि सुनक की चर्चाएं तेजी हो गईं और इस बात पर सवाल उठने लगा कि क्या ‘भारत में भी कोई अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री बन सकता है.’ महबूबा मुफ्ती इस पूरे मसले पर एनआरसी को ले आईं तो वहीं बीजेपी ने यह सवाल कर दिया कि क्या जम्मू कश्मीर में माइनॉरिटी सीएम को स्वीकार किया जाएगा.

दरअसल, ये सारा बवाल शुरू हुआ शशि थरूर (Shashi Tharoor) के ट्वीट के बाद से. उन्होंने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा, “ब्रिटेनियों ने दुनिया में बहुत ही दुर्लभ काम किया है.” उन्होंने ट्वीट के जरिए सवाल भी किया कि क्या यह भारत में हो सकता है? अब उनके इस ट्वीट के बाद कई नेताओं के ट्वीट सामने आए.

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने ट्वीट कर कहा, “यह याद रखना हमारे लिए अच्छा होगा कि यूके ने एक जातीय अल्पसंख्यक सदस्य को अपने पीएम के रूप में स्वीकार कर लिया है, फिर भी हम एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों से बंधे हैं.”

अब महबूबा मुफ्ती के इस ट्वीट पर बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने पलटवार किया. उन्होंने भी ट्वीट किया और कहा, “ऋषि सुनक के यूके के पीएम के रूप में चुने जाने के बाद भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर टिप्पणी करते हुए महबूबा मुफ्ती का ट्वीट देखा. महबूबा मुफ्ती जी! क्या आप जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगी? कृपया उत्तर दें.”

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, “ब्रिटेन के पीएम के रूप में ऋषि सुनक के चुनाव के बाद कुछ नेता बहुसंख्यकवाद के खिलाफ अति सक्रिय हो गए. एपीजे अब्दुल कलाम की असाधारण अध्यक्षता और मनमोहन सिंह के 10 सालों के कार्यकाल के बारे में उन्हें धीरे से याद दिलाना. एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू अब हमारी राष्ट्रपति हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “भारतीय मूल के एक काबिल नेता ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन रहे हैं. इस असाधारण सफलता के लिए हम सभी को उनकी तारीफ करने की जरूरत है. यह दुखद है कि कुछ भारतीय राजनेता दुर्भाग्य से इस अवसर पर राजनीतिक ब्राउनी पॉइंट बनाने की कोशिश कर रहे हैं.”

बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय (Amit Malviya) ने ट्वीट किया – “भारत, जिसमें तीन मुस्लिम और एक सिख राष्ट्रपति, 10 साल तक एक सिख पीएम, शीर्ष न्यायिक पदों पर अल्पसंख्यक और यहां तक ​​कि सशस्त्र बलों को भी किसी अन्य देश से विविधता और समावेशिता के बारे में सीखने की जरूरत नहीं है. महबूबा को अपनी बात पर रहना चाहिए और जम्मू-कश्मीर के सीएम के लिए एक हिंदू का समर्थन करना चाहिए.

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